राज्य में रुक-रुककर हो रही बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता.....
रांची। पूरे राज्य में अबकी बार भी संभावना से कम वर्षा रिकार्ड की गई है। रुक-रुककर हुई वर्षा ने भले गर्मी से राहत दी है, लेकिन किसानी के लिए यह वर्षा कमतर ही है। अब तक राज्य में 236 मिमी वर्षा हुई है, जो कि खेती-बाड़ी के लिए कम ही है।
बारिश को लेकर कई जिलों को जारी येलो अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र रांची के अनुसार, 28 जुलाई के बाद पांच दिनों तक राजधानी रांची समेत आसपास के जिलों में आंशिक बादल छाए रहेंगे। वहीं, दूसरी ओर खूंटी, गुमला और लातेहार में वर्षा के साथ-साथ वज्रपात को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।
27 जुलाई को राज्य के सभी हिस्सों में वर्षा की संभावना है। साथ ही बोकारो, रामगढ़, लोहरदगा सहित पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम में तेज वर्षा हो सकती है। गुमला, रांची और खूंटी में भी तेज वर्षा की संभावना है। 28 जुलाई को राज्य के सभी हिस्सों में तेज वर्षा की संभावना है।
27-28 जुलाई को होगी बारिश
पिछले 24 घंटे में राज्य में सबसे अधिक अधिकतम तापमान गढ़वा में 37 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 30.4 डिग्री रांची के रिकार्ड किया गया है। बताया गया कि 27 जुलाई को राज्य के अधिकांश हिस्सों में गर्जन के साथ हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा होने की संभावना है। 28 जुलाई को राज्य के पश्चिमी तथा निकटवर्ती मध्य भागों रांची, रामगढ़, बोकारो, गुमला, हजारीबाग, खूंटी में वर्षा की संभावना है। वहीं 29 जुलाई को राज्य में कई स्थानों पर गर्जन के साथ हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा होगी।
रांची व आसपास के जिलों के किसानों को राहत
रांची समेत आसपास के जिलों में हल्की व माध्यम दर्जे की वर्षा हो रही है, जिससे किसानी को भी बल मिल रहा है। वहीं पलामू प्रमंडल के जिलों में सामान्य से काफी कम वर्षा ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। मौसम विज्ञान केंद्र के वरीय विज्ञानी अभिषेक आनंद ने बताया कि 28 जुलाई तक राज्य के अधिकांश हिस्सों में वर्षा हो सकती है। अब तक राज्य में करीब 236 मिमी के आसपास वर्षा हुई है।
उन्होंने कहा कि मानसून के दोबारा सक्रिय होने के बाद राज्य में वर्षा की कमी पूरी हो पाएगी। मौसम विज्ञान केंद्र रांची के मुताबिक 28 जुलाई से मानसून फिर सक्रिय हो सकता है। इस बार मानसून से किसानों ने उम्मीद रखी है। राज्य के कई हिस्सों में अबकी बार मानसून के दोबारा सक्रिय होने का लाभ मिल सकता है। जिसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा।