मूसलाधार बारिश से मंडराने लगा बाढ़ का खतरा
पूर्वी सिंहभूम जिले में लगातार तीन दिन से मूसलाधार वर्षा हो रही है। इसकी वजह से शहर में बाढ़ का खतरा भी मंडराने लगा है। बरसात के मौसम को देखते हुए जिलेवासियों को बिजली के कारण जानमाल का नुकसान नहीं हो इसके लिए उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री द्वारा अपील जारी की गई है।उन्होने कहा कि बरसात के दिनों में तेज हवा के कारण किसी खेत में पोल गिरे हो या पेड़ की टहनी बिजली के तार को छू रहे हो, तो तत्काल पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत जमशेदपुर, मानगो, घाटशिला विद्युत आपूर्ति प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को इसकी सूचना दें।बारिश के दौरान बिजली लाइन, ट्रांंसफॉर्मर व पोल आदि से दूर रहें। उक्त के संपर्क में आने से करंट इंसान के शरीर में प्रवाहित हो सकता है क्योंकि बारिश में अर्थिंग मिलता है। बिजली लाइन या ट्रांसफॉर्मर से छेड़छाड़ नहीं करें।
वज्रपात से बचाव के लिए क्या करें
जब आप घर के भीतर हो बिजली से संचालित उपकरणों से दूर रहें, तार वाले टेलीफोन का उपयोग न करें।ऐसी वस्तुएं जो बिजली के सुचालक हैं, उनसे दूर रहे, धातु से बने पाइप, नल, फव्वारा, वाॅश बेसिन आदि से दूर रहें।
कपड़े सुखाने के लिए तार का प्रयोग न कर जूट या सुत की रस्सी का प्रयोग करें।जब आप खेत, खलिहान में काम कर रहे हैं या गीले खेतों में हल चला रहे हैं, रोपनी या अन्य कार्य कर रहे है, तो तुरंत सूखे या सुरक्षित स्थान पर जाएं। धातु से बने कृषि यंत्र या डंडा से अपने आप को दूर कर लें।जब आप जंगल में हो, तो छोटे या घने पेड़ों की शरण में चले जायें।
ऊंचे वृक्ष बिजली को आकर्षित करते हैं, कृपया उनके नीचे न खड़े रहें। समूह में न रहें बल्कि अलग-अलग हो जाएं।किसी पक्के मकान में आश्रय लेना बेहतर है। सफर के दौरान अपने वाहन में ही बने रहें। खुली छत वाले वाहन की सवारी न करें।बाहर रहने पर धातु से बनी वस्तुओं का उपयोग न करें। बाईक, बिजली या टेलीफोन का खंभा, तार की बाड़, मशीन आदि से दूर रहें।
तालाब और जलाशयों से दूर रहें। यदि आप पानी के भीतर हैं अथवा किसी नाव में हैं तो तुरंत बाहर आ जाएं।अगर किसी सुरक्षित स्थान पर शरण ले पाने में असमर्थ हो, तो जहां हैं, वहीं रहें। हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें। जमीन पर बिल्कुल नहीं लेटें।दोनों पैरों को आपस में सटा लें एवं दोनों हाथों को घुटनों पर रखकर अपने सिर को जमीन की तरफ यथासंभव झुका लें तथा सिर को जमीन से न छूने दें।