ट्रेन विलंब होने का प्रमुख कारण अलार्म जंजीर खींचना माना जाता है। जंजीर खींचने के आरोप में 2023 के दौरान आसनसोल मंडल में 468 लोगों को गिरफ्तार किया गया और मुकदमा चलाया गया। इस दौरान 2.62 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया और अलार्म जंजीर खींचने के 476 मामले दर्ज किए गए।

सबसे अधिक प्रभावित रेलगाड़ियों में 12352 डाउन राजेंद्रनगर-हावड़ा एक्सप्रेस, 18183 अप टाटानगर-दानापुर एक्सप्रेस, 15027 अप मौर्य एक्सप्रेस, 18184 डाउन दानापुर-टाटानगर एक्सप्रेस, 13288 डाउन साउथ बिहार एक्सप्रेस और 12304 डाउन पूर्वा एक्सप्रेस हैं।

यदि स्टेशन परिसर में अलार्म जंजीर खींचा (एसीपी) जाता है, तो ड्यूटी पर मौजूद आरपीएफ स्टाफ को उक्त एसीपी कोच में जाना होता है और संबंधित यात्री से एसीपी की तर्कसंगतता के बारे में जांच करनी होती है।हालांकि, कुछ प्रीमियम ट्रेनों में ऑन ड्यूटी मैकेनिकल (कैरिज और वैगन) स्टाफ को एसीपी के मामले को देखना पड़ता है और उक्त उपकरण को रीसेट करना पड़ता है।

अधिकांश मामलों में गार्ड और ड्राइवर को भी एसीपी के मामले को देखना पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप संबंधित ट्रेन रुक जाती है और उक्त सेक्शन में अनुवर्ती ट्रेनों की समय पालन में कमी आती है।अलार्म जंजीर खींचने के खतरे के संबंध में यात्रियों के बीच जागरूकता लाने हेतु रेलवे परिसरों, ट्रेनों में पोस्टर चिपकाकर रेलवे द्वारा इस आशय का अभियान शुरू किया जा रहा है।

गौरतलब है कि बिना किसी कारणवश ट्रेन में अलार्म चेन खींचना एक दंडनीय अपराध है। भारतीय रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 141 के तहत इसके लिए आपको एक साल तक जेल हो सकती है या 1000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है या दोनों का सामना करना पड़ सकता है।