हरियाणा के नूंह में बॉर्डर पर स्थित बिजासना गांव में गुरुवार देर रात 11 बजे खनन के दौरान पहाड़ से चट्टान गिर गई। अधिकारियों के मुताबिक, मलबे के 7 मजदूर दब गए। 10 से ज्यादा गाड़ियां भी चट्टान के नीचे दबी हैं। वहीं हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों के नाम अजहरुद्दीन (अगोन) और शहजाद (निहारिका हरिया) हैं। दोनों की मौत मौके पर ही हो गई थी। मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए बचाव कार्य जारी है। मलबे में दबे अधिकांश लोग हरियाणा के फिरोजपुर झिरका के रहने वाले हैं। यह सभी खनन के काम में जुटे हुए थे। बिजासना राजस्थान में स्थित है।

बता दें कि जिस समय यह हादसा हुआ, उस समय 5 डंपर, 3 पॉकलैंड व 3 अन्य वाहन मौके पर खड़े थे। हादसे की खबर फैलते ही मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। पहले सूचना थी कि हादसा हरियाणा की सीमा में हुआ, लेकिन बाद में पता चला कि जिस पहाड़ की चट्‌टान गिरी, वह राजस्थान की सीमा में है। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि चिनावडा निवासी सहजू पुत्र नूर मोहम्मद द्वारा पहाड़ पर पिछले 5 सालों से अवैध खनन किया जा रहा था। यहां से छपरा, गंगोरा, बिजासना और लिवासना के क्रशर प्लांटों को पत्थरों की सप्लाई की जा रही थी।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अवैध खनन कर्ता द्वारा हादसे में मरे लोगो के परिवार वालों को 2-2 लाख रुपए देकर मामले को दबाने के प्रयास किए जा रहे हैं। रात को मौके पर कामा SDM दिनेश शर्मा, पहाड़ी कार्यवाहक तहसीलदार रमेश चंद वर्मा, खनिज विभाग ME आरएन मंगल सहित खनिज विभाग की टीमें पहुंची थीं।

बताया जा रहा है कि बिजासना में हुए हादसे की खबर मिलने के बाद रात को ही मौके पर पहुचे खनिज विभाग के अधिकारी सुबह 7 बजे से गायब हो गए और अन्य क्रशर जोन में जाकर बैठ गए। मौके पर पहाड़ी कार्यवाहक तहसीलदार रमेश चंद वर्मा उनका इंतजार करते रहे, मगर ME आरएन मंगल मौके पर नही पहुंचे।