जयपुर । राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के तत्वाधान में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वर्ष-2022 की चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत का संपूर्ण राजस्थान में शुभारंभ किया गया। राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ के मुख्य न्यायाधिपति बिरेंद्र सिंह ने जयपुर स्थित राजस्थान उच्च न्यायालय के परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का प्रात: 10 बजे शुभारंभ किया।   
सिंह ने कहा कि लोक अदालतें, आपसी सामंजस्य व सहयोग से आमजन के विवादों का निपटारा करने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत की बेंचों में पूर्व व सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की अध्यक्षता में मामलों की सुनवाई की जाती है। पूर्व न्यायाधीपति के अनुभवों के लाभ से इन परिवादों का निपटारा आसान व सुलभ हो जाता है। लोक अदालत से आमजन को पूरी तरह से राहत मिलती है।  उन्होंने कहा कि जटिल मामलों के चलते न्यायालयों में लंबित प्रकरणों की संख्या ज्यादा है लेकिन लोक अदालत में आपसी समझाइश से मामले सुलझा लिए जाते हैं। इससे न्यायालय का भार भी कम होगा। उन्होंने कहा कि यह न्याय का सस्ता व सुलभ माध्यम है, जहां ना किसी की हार होती है ना किसी की जीत बल्कि आपसी सामंजस्य से सफलता प्राप्त होती है।  सिंह ने कहा कि इस बार 480 बैंचों की स्थापना की गई है, जिनमें लगभग 6 लाख मुकदमों की सुनवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि गत लोक अदालत में प्रकरणों के निस्तारण में पूरे देश में राजस्थान दूसरे स्थान पर रहा, इस बार हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक मामलों को निस्तारित कर हमारा प्रदेश प्रथम स्थान प्राप्त करे। इस अवसर पर न्यायाधिपति ने चारों बैंचों में चल रही कार्यवाही का अवलोकन भी किया।  प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री दिनेश कुमार गुप्ता ने श्री सिंह का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन उप सचिव श्री रविकांत सोनी व स्वाति राव ने किया। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष की गत 3 राष्ट्रीय लोक अदालतों में क्रमश: 2 लाख 05 हजार 579, 9 लाख 21 हजार 993, 13 लाख 59 हजार 121अब तक कुल 24 लाख 86 हजार 693 प्रकरणों का निस्तारण आपसी राजीनामे से किया गया है।