टेक्सटाइल के निर्यात आर्डर कम होने से मंदा छा गया है। घरेलू मार्केट में भी मांग कमजोर हो गई है। उद्योगों पर ओवर हेड के खर्च लगातार बढ़ रहे हैं। हैडंलूम मार्केट में भी मांग नदारद है। मंदी होने के कारण टेक्सटाइल निर्यात उद्योगों को तो धक्का लगा ही है। उनके सहायक उद्योगों की तो कमर ही टूट गई है। मार्केट में छाए इस मंदी से परेशानी टेक्सटाइल प्रोसेस हाउसों की सेक्टर 24-25 स्थित एक होटल में बैठक हुई। बैठक में इस मंदी की समस्या के हल पर विचार किया गया। उद्यमियों ने कहा कि हालत बदतर बनते जा रहे हैं। काम नहीं होने के कारण ओवर हेड खर्च बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में उत्पादन कैसे करें।

डाइंग उद्योग शनिवार और रविवार को बंद रखने का फैसला लिया गया। साथ ही बढ़ते खर्चों के देखते हुए आगामी 10 जून से डाइंग के रेट 20 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला भी लिया गया। बैठक में बताया गया कि काटन यार्न, पोलियस्टर यार्न, डाइंग, केमिकल के रेट बढऩे के कारण विदेशों से निर्यात के आर्डर नहीं मिल पा रहे हैं। जो आर्डर पहले आए हुए हैं उन्हें भी पोस्टपोन किया जा रहा है। इन दिनों लेबर भी महंगी पड़ रही है। शादी विवाह होने के कारण बिहार यूपी की लेबर घरों पर चली जाती है। इन सब परिस्थितियों में उद्योगों को बचाने के लिए दो दिन उत्पादन बंद रखने का फैसला लिया गया।