हरियाणा के करनाल शहर की बेटी निशा सोलंकी हरियाणा की पहली महिला ड्रोन पायलेट बन गई है। वह अब राज्यभर में किसानों को ड्रोन से खेतों में फसलों में उवर्रक और खरपतवार नाशक दवाओं का ड्रोन से स्प्रे करने का प्रशिक्षण देगी। महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल के पूर्व कुलपति प्रो. समर सिंह ने बताया कि निशा सोलंकी करनाल की ही रहने वाली हैं। वह लंबे समय से महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय से जुड़ी हैं। पहले वह यहां पॉली हाउस में वैज्ञानिकों के साथ कार्य कर रही थी। इसके बाद वह कृषि में एमटेक करने के लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार चली गई।

वहां से लौटकर वह फिर से बागवानी विश्वविद्यालय के साथ जुड़ गई और इसी बीच बागवानी विश्वविद्यालय ड्रोन प्रशिक्षण को नोडल भी बन गया तो उन्होंने ही निशा सोलंकी को ड्रोन प्रशिक्षण की सलाह दी थी। उसने काफी मेहनत से ड्रोन प्रशिक्षण दिया तो विश्वविद्यालय ने उसे इसके लिए अधिकृत करते हुए प्रमाण पत्र दिया। उसे केंद्र सरकार ने भी इसके लिए अनुमति दे दी है।

पिछले दिनों उससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक कार्यक्रम में बात की थी। उपनिदेशक (विस्तार शिक्षा) डॉ. सतेंद्र यादव को भी इसके लिए प्रमाण पत्र लिया है। अब तक विश्वविद्यालय से करीब 70 लोगों को प्रशिक्षण देने के बाद प्रमाण पत्र दिया है लेकिन इसमें महिला एक ही है।

करनाल की बेटी निशा सोलंकी ने कहना है कि जब ड्रोन का प्रशिक्षण देने के लिए बागवानी विश्वविद्यालय करनाल को अधिकृत किया गया था, तभी उसके मन में प्रशिक्षण लेने की बात आ गई थी। उसने कृषि इंजीनियरिंग भी की है, तो उसके लिए इसे समझना बेहद आसान भी था। महिलाओं को भी आधुनिक तकनीक में बराबर की सहभागिता करनी चाहिए, तभी देश की कृषि में और बेहतर बदलाव आएगा। ड्रोन से जल बचत होती है, जहां 200 लीटर की आवश्यकता होती थी, वहां ड्रोन से सिर्फ दस लीटर में ही उतना कार्य हो जाता है।