करौली हिंसा केस में कांग्रेस-बीजेपी की कमेटियां मौके पर पहुंचीं
करौली। हिन्दू नववर्ष पर 2 अप्रैल को करौली में बाइक रैली के दौरान हुए उपद्रव के बाद बीजेपी और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस बीच बीजेपी और कांग्रेस पार्टियों की ओर से गठित की गई टीमों ने करौली पहुंचकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों से भी मुलाकात कर अपने-अपने तर्क रखे और सवाल जवाब किये। दूसरी तरफ कर्फ्यू और नेटबंदी से जूझ रहे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को समय पर रोजमर्रा की चीजें भी नहीं मिल पा रही हैं। करौली में 7 अप्रेल तक कर्फ्यू लगाया हुआ है।
बीजेपी की तरफ से प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के निर्देशन में नियुक्त की गई छह सदस्यों की कमेटी ने करौली पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया। उसके बाद उसने जिला कलेक्टर और एसपी से मुलाकात की। बीजेपी नेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि 7 दिन पहले प्रशासन से अनुमति लेने और रोडमैप तैयार होने के बावजूद भी हिंदू नव वर्ष पर रैली पर पथराव क्यों हुआ? इसकी जांच होनी चाहिए। राठौड़ ने कहा कि बीजेपी तुष्टीकरण की राजनीति पर विश्वास नहीं करती है। कलेक्टर से मिलकर दो वीडियो ऐसे पेश किए गए हैं। इसमें लोग पथराव कर रहे हैं फिर भी उनको गिरफ्तार नहीं किया गया है। वहीं कांग्रेस की तरफ से डॉ जितेन्द्र सिंह की अगुवाई में करौली पहुंची टीम ने हालात का जायजा लिया। डॉ जितेन्द्र सिंह ने कहा कि राजेन्द्र राठौड़ ने जिस तरह से आरोप लगाये हैं, वे सही नहीं हैं। ये घटना जरा सी चूक से हुई है। यह एक क्षणिक घटनाक्रम था जो तत्काल खत्म हो गया। राज्य सरकार जनजीवन सामान्य करने के प्रयासों में जुटी है।
कर्फ्यू के दौरान जिला प्रशासन की तरफ से सुबह 8 बजे से 10 बजे तक दूध और दैनिक चीजों की सप्लाई की व्यवस्था की गई है। लेकिन कई जगहों पर प्रशासन की गाड़ी नहीं पहुंचने की वजह से लोगों को रोजमर्रा की वस्तुयें नहीं मिल पा रही हैं। इससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नवरात्रि और रमजान होने के कारण लोगों खाद्य सामग्रियों के लिए परेशान होना पड़ रहा है। करौली जिले में अफवाहों की वजह से जिला प्रशासन ने नेटबंदी कर रखी है। कर्फ्यू और नेटबंदी के कारण आमजन बेहाल नजर आ रहा है।