भोपाल । प्रदेश के जबलपुर शहर में एक वेंडर का कारनामा इन दिनों सुर्खियों में है। वेंडर ने 50 रुपये के स्टांप में छेडछाछाड कर एक हजार का बना दिया। वेंडर ने 50 रुपये के स्टांप को पहले प्रिंट कर निकाला और फिर उसमें बदलाव कर उसे एक हजार का स्टांप बना दिया। जैसे ही यह जानकारी ग्राहक को लगी तो उसने इसकी शिकायत पंजीयक से की, जिसके बाद स्टांप की जांच में शिकायत सही पाई गई। इधर पंजीयक ने स्टांप वेंडर का लाइसेंस रदद कर दिया है और इसकी शिकायत मंझोली थाने में दर्ज कराई है।जानकारी के अनुसार सुखदेव राय नामक स्टांप वेंडर ने यह कारनामा  किया। उसने मंझोली तहसील के अधिवक्ता रविशंकर पटेल को यह फर्जी स्टांप दिया। अधिवक्ता ने इसकी शिकायत पंजीयक से की, जिसके बाद मंझोली थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवाई गई हैं। दरअसल स्टांप वेंडर ने सौ रुपए से अधिक के स्टाम्प को ई- स्टाम्प के जरिए देना शुरू कर दिया हैं। स्टाम्प वेंडर सुखदेव राय ने ऑनलाइन 50 रुपए का स्टांप का प्रिंट निकलवाया और फिर उसमें हेराफेरी कर 50 रुपए की जगह उसमें एक हजार रुपए में दिख दिया। सुखदेव राय ने 50 रुपए के स्टाम्प में छेड़खानी करते हुए उसके प्रिंटर के माध्यम से एक हजार रुपए कर दिया था। इधर अधिवक्ता रवि पटेल ने जब यह फर्जीवाड़ा पकड़ा और तीन स्टाम्प पंजीयक को देकर इसकी शिकायत की। स्टाम्प विक्रेता सुखदेव राय ने प्रिंटर के माध्यम से प्रिंट करवाया और उसे एक हजार रुपए के स्टाम्प में बदल दिया। इस बारे में वरिष्ठ जिला पंजीयक डा.पवन कुमार अहिरवार का कहना है कि अधिवक्ता द्वारा तीन स्टाम्प देकर उसमें फर्जीवाड़ा करने की शिकायत दी थी। 50 रुपए आनलाइन स्टांप को स्टांप वेंडर ने प्रिंटर की मदद से एक हजार रुपए का बनाकर उसको रजिस्ट्री में उपयोग किया । विभाग की ओर से इसकी शिकायत मंझौली थाने में दी गई है।