नई दिल्ली ।  दिल्ली में मोबाइल फोन चोरी की घटनाओं पर पुलिस लगाम लगाने और चोरी हुए फोन को वरामद मरने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है। इसका सीधा असर यह हुआ कि मोबाइल चोर व गैंग बेखौफ राष्ट्रीय राजधानी में मोबाइल फोन चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 की तुलना में 2023 में फोनी चोरी की घटनाओं में 22 फीसद का इजाफा हुआ है। खोए और नहीं मिले फोन की संख्या में 22 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। साल मोबाइल चोरी 2.8 लाख घटनाएं हुई थीं। जबकि साल 2023 में मोबाइल फोन चोरी की घटनाएं 3.4 लाख तक पहुंच गई। दिल्ली पुलिस सूत्रों में मुताबिक चोरी या गुम हुए फोन रिकवरी नहीं होने के पीछे कई वजह हैं। मोबाइल फोन चोरी गैंग में शामिल स्नैचर्स, दुकानदार, बस आपरेटर्स, मोबाइल रिपेयर करने वाले मैकेनिक हाई-फाई तकनीकी का इस्तेमाल करते हैं। गैंग में शामिल सदस्यों के तकनीकी का इस्तेमाल करने की वजह से पुलिस के लिए फोन रिकवर करना चुनौती भरा काम साबित हो रहा है। पुलिस का कहना है कि मोबाइल गैंग में शामिल चोर संगठित अपराध नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं। चैन स्नैचर्स, रोबर्स और थिव्स एक साथ मिलकर काम करते हैं। पुलिस की माने तो  मोबाइल शॉप संचालक भी इसमें अहम भूमिका निभाते हैं। मोबाइल फोन दुकानदार चोरी हुए मोबाइल की आईएमईआई नंबर को टैंपर कर देते हैं। उसके बाद उसे अनजान कस्टमर्स को सेल कर देते हैं। इस गैंग में शामिल लोग चोरी के शिपमेंट के जरिए या फिर टूरिस्ट बसों के ड्राइवर्स व कंडक्टर्स के जरिए मोबाइल फोन को नेपाल तक पहुंचा देते हैं। इस काम में शामिल गैंग के सदस्यों को को भारी मुनाफा भी होता है। दिल्ली पुलिस मोबाइल चोरी व गुम होने की शिकायत मिलने पर समय समय पर मुहिम चलाती है। इस दौरान एक्टिव मोबाइल फोन को रिकवर करने के लिए देश के अलग-अलग शहरों से एक्टिव फोन को रिकवर भी करती है। फोन रिकवर करने के लिए छापेमारी की घटनाओं को भी पुलिस अंजाम देती है। मोबइवाल चोर गैंग में शामिल लोगों को गिरफ्तार भी करती है।