जोधपुर। राजस्थान व देश की सबसे सुरक्षित जेल जोधपुर सेंट्रल जेल  फिर सुर्खियों में है। इस जेल के एक वार्ड में धर्म परिवर्तन का दबाव बनाकर एक कैदी के साथ मारपीट की गई है। बताया जा रहा है कि आतंकी गतिविधियों के मामले में विचाराधीन कैदी ने एक अन्य कैदी पर धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया। विरोध करने पर 6 कैदियों ने उसके साथ मारपीट कर डाली। इसके बाद पीड़ित कैदी को इलाज के लिए जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल लाया गया। घायल कैदी की एक्स-रे सहित अन्य जांच की गई। पीड़ित कैदी के हाथ मुंह व पसलियों में चोट आई है। 
  जानकारी के अनुसार जेल के वार्ड नंबर 15 में बंद जालौर के कैदी सुभाष बिश्नोई को 11 बजे बाहर निकाला गया। उस दौरान आतंकी गतिविधियों के आरोप में बंद एटीएस के द्वारा गिरफ्तार कैदियों ने उसपर हमला कर दिया। घायल कैदी सुभाष का पहले जेल की डिस्पेंसरी में इलाज किया गया। इसके बाद जेल प्रशासन ने उसे महात्मा गांधी अस्पताल भेजा। यहां उसकी एक्सरे सहित अन्य जांच की गई। बताया जा रहा है कि उसके हाथ और पसलियों में फ्रैक्चर है। पीड़ित कैदी ने बताया कि आतंकी मामलों में बंद 6 कैदियों ने उसके साथ मारपीट की है। उस पर इस्लाम धर्म ग्रहण करने के लिए डेढ़ माह से मानसिक दबाव बनाया जा रहा था।
  घायल कैदी सुभाष ने बताया मैं 3 दिन से जेल प्रशासन से मौखिक शिकायत कर रहा था। इसकी लिखित शिकायत देने के लिए मैं 3 दिन से कागज और कलम की मांग कर रहा था लेकिन मुझे नहीं दिया गया। बार-बार कहने पर भी मेरा बैरक नहीं बदला गया। जेल प्रशासन ने आश्वासन देते हुए कहा कि मेरी सुरक्षा उनकी जिम्मेदारी है। मैं जेलर के आश्वासन पर निश्चिंत हो गया। पीड़ित ने बताया कि जेल सुबह 7 बजे खुलती है और 11 बजे बंद हो जाती है। वह रात से सुबह 11 बजे तक जेल बैरक में बंद था। 11 बजे आरोपी कैदियों को बंद किया जा रहा था। इसके बाद उन्‍हें खोला गया।
  सुभाष ने बताया कि जब वह उन लोगों के पास से निकल रहा था तो वकार अशरफ सहित अन्य कैदियों ने उसपर अचानक हमला कर दिया। इसमें उसके कंधे और नाक पर चोटें आई। जिन कैदियों ने सुभाष पर हमला किया बताया जा रहा है कि उन्हें एटीएस ने आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्‍त होने के आरोप में लगभग 8-10 साल पहले गिरफ्तार किया था। पीड़ित कैदी ने बताया कि जेल के 15 नंबर वार्ड में हिंदू धर्म विरोधी और इस्लाम की किताबें पढाई जा रही थीं। जेलर को 3 दिन शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। सुभाष का आरोप है कि ये लोग कैदियों को हिंदू धर्म विरोधी किताबें पढ़ा रहे हैं।