भोपाल । होली पर लोकसभा का चुनाव का रंग नजर आने लगा है। नेताओं के नाम की पिचकारी के अलावा भगवा टोपी व भगवा गुलाल की डिमांड भी है। रंगों के त्योहार पर पर आयोजित होने वाले होली मिलन समारोह भी चुनावी रंग में रंगें नजर आने लगे हैं। प्रदेश के प्रमुख नेताओं ने होली से पहले ही होली मिलन समारोह आयोजित करने शुरु कर दिये हैं। राजनीति से जुड़े लोगों द्वारा आयोजित किये जाने वाले होली मिलन समारोह पर चुनाव आयोग की भी नजर रहेगी।  
लोकसभा चुनाव से पहले होली का पर्व है। होली का पर्व वैसे तो रंगपंचमी तक मनाया जाता है। सामाजिक संगठनों द्वारा होली मिलन समारोह पूरे माह आयोजित किये जाते हैं। होली मिलन समारोह का सिलसिला शुरु हो गया है।
होली मिलन समारोह पर आयोग की नजर
होली के पवन पर्व पर सामाजिक संगठनों द्वारा होली मिलन समारोह का आयोजन किया जाता है।राजनीतिक दल भी होली मिलन समारोह के माध्यम से समाजों तक पहुंचने का प्रयास करेंगे।बैनर तो समाज का होगा, वास्तव में होली मिलन समारोह राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों द्वारा प्रायोजित होगा। इसके लिए राजनीतिक दलों से जुड़े कार्यकर्ताओं के माध्यम से होली मिलन समारोह आयोजित करने की पूरी तैयारी की जा रही है। आदर्श संहिता लगी होने के कारण इस बार सामाजिक संगठनों के होली मिलन समारोह पर चुनाव आयोग की नजर रहेगी।
भगवा गुलाल व टोपी भी पसंद की जा रही है
इस होली पर भगवा रंग का गुलाल व टोपी अधिक पसंद की जा रही है। भगवा रंग का गुलाल पहले भी रहता था। किंतु इस वर्ष भगवा गुलाल की अधिक डिमांड है। इसलिए भगवा गुलाल बाजारों में बड़ी मात्रा उपलब्ध है। उधर, बच्चों की पिचकारी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, देश के गृहमंत्री अमित शाह और विपक्ष के राहुल गांधी की फोटो वाली पिचकारी उपलब्ध है। हालांकि होली पर नेताओं के नाम की पिचकरी हर वर्ष बाजार में आती है। इसके साथ ही नेताओं के चित्र वाली प्रिटेंट टी-शर्ट भी राजनीतिक दलों से जुड़े कार्यकर्ता अधिक पसंद कर रहे हैं।