इस वर्ष बथुकम्मा उत्सव कब शुरू होता है? बतुकम्मा महोत्सव की तारीखें!
बथुकम्मा महोत्सव तिथियां 2023: बथुकम्मा भारत के तेलंगाना और आंध्र प्रदेश राज्यों में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्योहार है। यह सबसे खूबसूरत और रंगीन त्योहारों में से एक है। फूलों की सजावट, मनमोहक बतुकम्मा गीतों और सरल अनुष्ठानों के साथ, बतुकम्मा उत्सव एक ऐसा त्योहार है जो भूमि, जल और प्रकृति के अन्य तत्वों के बीच संबंधों का जश्न मनाता है।
बथुकम्मा एक याचक है जो खेलों के माध्यम से देवी प्रकृति की पूजा करती है और लोगों को संक्रामक बीमारियों और सूखे से बचाने के लिए प्रार्थना करती है।
हर साल यह अमावस्या (भाद्रपद अमावस्या) के दिन एंगिली पुला बथुकम्मा नाम से शुरू होता है, जो अश्वियुजा शुद्ध पद्यामी से एक दिन पहले होता है और दुर्गाष्टमी पर सद्दुला बथुकम्मा के साथ समाप्त होता है। इस त्योहार की भव्यता को देखने के लिए दो आंखें काफी नहीं हैं, जिसका तेलंगाना के गांवों की हर लड़की समय-समय पर इंतजार करती रहती है। गांवों में मनाया जाने वाला यह त्योहार अब देश-विदेश में मनाया जाने लगा है।
बथुकम्मा महोत्सव का सारांश
बथुकम्मा त्योहार प्रकृति, जल और मानव के बीच संबंधों का जश्न मनाता है। महिलाएं "बोड्डेम्मा" (कीचड़ में देवी दुर्गा का एक मिट्टी का रूप) बनाती हैं और इसे बथुकम्मा के साथ तालाब में विसर्जित कर देती हैं। इससे तालाबों की क्षमता बढ़ती है और अधिक पानी बनाए रखने में मदद मिलती है। फूल पानी को शुद्ध करके साफ करते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है।
बथुकम्मा उत्सव न केवल संस्कृति को संरक्षित करता है बल्कि प्राकृतिक संसाधनों को भी संरक्षित करता है जो ऐसे समय में अस्तित्व के लिए अभिन्न अंग हैं जब जल संसाधन समाप्त हो रहे हैं। यह त्यौहार कृषि की भावना को श्रद्धांजलि देता है, प्रकृति की महिमा का जश्न मनाता है, मानव जाति की एकता और महिलाओं की अटूट भावना का जश्न मनाता है। बथुकम्मा उत्सव प्रकृति के संसाधनों का जश्न मनाने और लोगों को करीब लाने का प्रतीक है।
इस वर्ष बतुकम्मा उत्सव 14 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा।
बथुकम्मा नौ दिवसीय महोत्सव की शुरुआत और समाप्ति तिथियां:
शनिवार 14 अक्टूबर - एंगिली पुला बथुकम्मा
पहला दिन एंगिली पुला बथुकम्मा पितृ अमावस्या (महालय अमावस्या - भाद्रपद अमावस्या) पर होता है।
15 अक्टूबर रविवार - अटुकुला बथुकम्मा
का दूसरा दिन अटुकुला बथुकम्मा अश्वयुज शुद्ध पद्यामी (नवरात्रि कलश स्थापना) के दिन मनाया जाता है।
16 अक्टूबर सोमवार - मुद्दप्पु बथुकम्मा
असवेयुजा शुद्ध विद्या दिवस मुद्दप्पु बथुकम्मा
17 अक्टूबर मंगलवार- नाने चावल बथुकम्मा,
अश्वयुज का तीसरा दिन, नाने बिय्याम बथुकम्मा का दिन
18 अक्टूबर बुधवार - अतला बथुकम्मा
अतला बथुकम्मा अश्वयुज महीने चविथी का चौथा दिन है।
गुरुवार 19 अक्टूबर- अलिघिना बथुकम्मा
अलिघिना बथुकम्मा अश्वयुज महीने की पंचमी का दिन है।
20 अक्टूबर शुक्रवार - वेपाकायला बथुकम्मा
वेपाकायाला बथुकम्मा अश्वयुज महीने का छठा दिन है।
शनिवार 21 अक्टूबर - वेन्नारुद्दला बथुकम्मा
अश्वयुज माह का सातवां दिन वेन्नारुद्दाला बथुकम्मा
22 अक्टूबर, रविवार- सद्दुला बथुकम्मा,
बथुकम्मा महोत्सव का अंतिम दिन, आखिरी दिन को सद्दुला बथुकम्मा कहा जाता है। बथुकम्मा को सामान्य दिनों की तुलना में बड़े आकार में तैयार किया जाता है और पानी में विसर्जित किया जाता है। यह त्यौहार दुर्गा अष्टमी के दिन मनाया जाता है।