दिल्ली सरकार ने फूड ट्रक पॉलिसी को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। सरकार ने कहा है कि न्यूयार्क, आस्ट्रेलिया और हांगकांग की तरह अब दिल्ली की भी ‘फूड ट्रक’पॉलिसी होगी।

इसके तहत दिल्ली के लोग रात में भी विभिन्न तरह के लजीज व्यंजन का लुत्फ उठा पाएंगे। इस पॉलिसी के लागू होने से बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे और दिल्ली की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।

दिल्ली फूड ट्रक पॉलिसी -2023 को मंगलवार को विस्तार से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समक्ष प्रजेंटेशन के जरिये बताया गया, जिसे सीएम ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। सीएम ने कहा कि इस पॉलिसी के तहत जिन स्थानों पर फूड ट्रक की व्यवस्था की जाएगी, वहां सज्जा और साफ-सफाई का खास तौर पर ध्यान रखा जाएगा।

शहर के 16 स्थानों पर मिलेंगे लजीज व्यंजन

प्रारंभिक तौर पर शहर के 16 स्थानों पर यह योजना लागू की जाएगी। इसके बाद इसे दिल्ली के अन्य स्थानों पर लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि इस योजना से दिल्लीवासियों को दिल्ली में देर रात भी लजीज भोजन उपलब्ध हो पाएगा। इसके अलावा बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

वहीं, पर्यटन मंत्री आतिशी ने कहा कि योजना के तहत अलग-अलग इलाकों में फूट कोर्ट बनाए जाएंगे, जहां कई फूड ट्रक साथ खड़े हो सकेंगे। फूड कल्चर हब भी बनाए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि न्यूयार्क, ऑस्ट्रेलिया और हांगकांग ही नहीं, वाशिंगटन डीसी, सैन फ्रांसिस्को, एम्स्टर्डम, ब्रुसेल्स, लंदन, सिंगापुर और टोक्यो में भी फूड ट्रक काफी प्रचलित हैं। अब दिल्ली के लोग भी भारत के विभिन्न शहरों के फूड कल्चर का लुत्फ उठा सकें।

एजेंसी के पास होगा फूड हब के संचालन का जिम्मा

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया है कि फूड हब खोलने और फूड कल्चर को बढ़ावा देने के साथ ही साफ-सफाई का भी खास ख्याल रखा जाए। इसे ध्यान में रखते हुए फूड ट्रक पॉलिसी में फूड हब के रखरखाव के काम को गंभीरता से लिया गया है।

इन फूड हब के संचालन और रखरखाव का काम एजेंसी करेगी। वही साज-सज्जा और साफ-सफाई का ध्यान रखेगी। यह भी सुनिश्चित करेगी कि सभी फूड ट्रक सरकार द्वारा बनाए गए फूड हब में ही अपना बिजनेस चलाएं।