नई दिल्ली | व्यापम घोटाले के व्हिसलब्लोअर आनंद राय ने गुरुवार को दिल्ली के एक होटल से मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मध्य प्रदेश में पेपर लीक के एक मामले में हाई कोर्ट के गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान करने वाले अपने आदेश को रद्द करने के बाद राय को गिरफ्तार किया गया।

राय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ के सामने याचिका लगाई कि मुख्य आरोपी के जमानत पर होने के बावजूद पुलिस ने कल देर रात राय को गिरफ्तार कर लिया है।

तन्खा ने कहा कि मप्र पुलिस ने उन्हें शुक्रवार को पेश होने और जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया था, लेकिन उन्हें दिल्ली से गिरफ्तार कर मध्य प्रदेश ले जाया गया। तन्खा ने कहा कि उनकी याचिका शीर्ष अदालत में लंबित है। उन्होंने अपने मुवक्किल की याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की। वहीं मुख्य न्यायाधीश सोमवार को मामले को सुनने के लिए सहमत हुए हैं।

हाई कोर्ट ने गुरुवार को राय द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री के ओएसडी लक्ष्मण सिंह मरकाम की शिकायत पर उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की प्रार्थना की थी।

राय और एक कांग्रेस नेता के.के. मिश्रा ने पहले दावा किया था कि मरकाम एमपी-टीईटी पेपर लीक मामले में शामिल थे। दोनों ने कहा था कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए एमपी-टीईटी के एक प्रश्न पत्र का स्क्रीनशॉट मरकाम के मोबाइल फोन से लीक हो गया था। इस आरोप ने तब राज्य में विवाद खड़ा कर दिया था।

आरोपों के जवाब में, मरकाम ने राय और मिश्रा के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की, जिसमें आरोप लगाया गया कि दोनों ने पेपर लीक पर उनसे संबंधित 'भ्रामक जानकारी' साझा की थी। उन्होंने राय पर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने और अपने नाम के एक शख्स के स्क्रीनशॉट शेयर करने का आरोप लगाया था।