उज्जैन ।  विक्रम विश्वविद्यालय के शिक्षक डा.सुधीर कुमार जैन की मंगलवार तड़के हार्ट अटैक से मौत हो गई है। उन्हें पदोन्नति की आसं थी, लेकिन नाम लिफाफे में बंद रह गया। एक दिन पहले वे अन्य शिक्षकों के साथ सत्याग्रह कर रहे थे। विक्रम विश्वविद्यालय में आचार्य विद्यासागर पीठ की स्थापना कराने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा था।

पदोन्नति मिलना थी

विक्रम विश्वविद्यालय के सहायक ने बताया कि डा. सुधीर कुमार जैन मंगलवार रात को विश्वविद्यालय परिसर स्थित घर पर थे। देर रात को उनको बैचैनी होने लगी। अचानक तबीयत खराब होने पर पत्नी उन्हें लेकर पुष्पा मिशन अस्पताल लेकर पहुंची। उपचार शुरू होने के पहले ही उनका निधन हो गया। डाक्टरों के अनुसार उनकी मृत्यु हार्ट अटैक से हुई है। डा. सुधीर सागर के मूल निवासी है। वर्ष 2007 में माइक्रोबायलाजी के शिक्षक के तौर विक्रम विश्वविद्यालय में नियुक्ति हुई थी। उन्हें पदोन्नति मिलना थी और इसके लिए विवि के अन्य विषयों के शिक्षकों के साथ अगस्त 2022 में साक्षात्कार होने के बाद नाम नियम-प्रक्रिया अनुसार नाम लिफाफे में बंद थे। यह लिफाफे खुलते, उसके पहले ही डा. सुधीर दुनिया से चले गए। वे बेटी और पत्नी के साथ रहते थे।

सागर में होगा अंतिम संस्कार

उनके बेटे पलाश जैन इसरो के बेंगलुरु स्थित सेंटर में विज्ञानी है। जैन का अंतिम संस्कार उनके गृह नगर सागर में होगा। इसलिए उनकी पार्थिव देह को पैतृक निवास सागर के लिए रवाना किया। डा. जैन के दुखद निधन कि सूचना मिलने के बाद विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे व शिक्षक उनके निवास पर पहुंच गए थे।