बाइक टैक्सी पर लगी पाबंदी के बाद एग्रीगेटर के साथ परिवहन विभाग की बैठक जल्द हो सकती है। निजी दोपहिया वाहनों के वाणिज्यिक इस्तेमाल पर परिवहन विभाग की सख्ती से हजारों बाइक टैक्सी के पहिये थम गए हैं।

इसे देखते हुए एग्रीगेटर ने इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए परिवहन विभाग के साथ बैठक का आग्रह किया था। माना जा रहा है कि नई एग्रीगेटर नीति के लागू होने से पहले अगर बैठक होती है तो कई पहलुओं पर दोनों पक्षों में संशय खत्म हो जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कसते शिकंजे को देखते हुए चालक भी गंतव्य तक यात्रियों के साथ जाने से इन्कार कर रहे हैं। इससे यात्रियों को काफी मुश्किलें पेश आ रही हैं। दिल्ली सरकार ने कैब एग्रीगेटर नीति तैयार करने के बाद इसमें कुछ बदलाव के बाद इसे विधि विभाग के पास भेज दिया है। इसमें यात्रियों की सुरक्षा मानकों, लाइसेंस सहित दूसरे पहलुओं पर मानक तय किए गए हैं। 

परिवहन विभाग की तरफ से एग्रीगेटर को नोटिस भेजकर सात दिन में जवाब देने को कहा था। उन्होंने परिवहन विभाग के साथ बैठक करने का आग्रह किया है, ताकि नीति के लागू होने पर उन्हें भी राहत मिल सके। परिवहन विभाग की ओर से जारी सार्वजनिक नोटिस का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना भी किया जा रहा है। एग्रीगेटर और रोजाना बाइक टैक्सी का इस्तेमाल करने वालों को नई नीति के लागू होने का इंतजार है। चालकों का कहना है कि सुरक्षा के लिए जरूरी नियमों का पालन किया जा रहा है लेकिन पाबंदी से उनका काम बंद हो गया है।

ई-दोपहिया वाहनों को प्रोत्साहित किया जाएगा

नीति के तहत ई-दोपहिया वाहनों को प्रोत्साहित किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि इस नीति के तहत ई-वाहनों को ही शामिल करने की इजाजत दी जा सकती है, ताकि प्रदूषण पर भी शिकंजा कसा जा सके। 2030 तक कई चरणों में सभी वाहनों को ई-वाहनों में बदला जाएगा। निजी दोपहिया वाहनों पर किराये पर यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने के दौरान कई बार सुरक्षा मानकों की अनदेखी की शिकायतें भी मिलती रही हैं। अब तक दिल्ली सरकार ने दोपहिया वाहनों के वाणिज्यिक इस्तेमाल के लिए एग्रीगेटर को इजाजत नहीं दी है।