जयपुर । अलवर के राजगढ़ में मास्टर प्लान के तहत ढाई सौ से 300 साल पुराने तीन मंदिरों को ध्वस्त किया गया है हिंदू संगठनों ने इसकी शिकायत पुलिस को दी है इस पर भाजपा ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए है। भाजपा का कहना है कि विकास के नाम पर मंदिर को तोडऩा सही नहीं है। वहीं, प्रशासन का कहना है कि इस रोड से अतिक्रमण हटाना बेहद जरूरी था। 
राजस्थान के अलवर में सराय गोल चक्कर में सड़क चौड़ी करने के दौरान अतिक्रमण हटाने के नाम पर दुकाने, भवन तोड़े गए है, जिसमें 300 साल पुराना शीव मंदिर भी शामिल है। राजस्थान के अलवर जिले के सराय मोहल्ला में स्थित 300 साल पुराने शिव मंदिर पर प्रशासन ने बुलडोजर चलने के बाद राजनीतिक पार्टिया सियासी रोटियां सेकते नजऱ आ रही है।  हालांकि मामला इतना गंभीर है कि कार्रवाई के दौरान शिवालय परिसर में जूता पहनकर पहुंचे अधिकारियों और मूर्तियों को कटर मशीन के माध्यम से काटने को लेकर हिंदूवादी संगठनो ने सीधा गंभीर आरोप लगाया है।  इस विरोध में नगरपालिका के एसडीएम, ईओ और राजगढ़ के विधायक के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज करवाने के लिए शिकायत दी गई है। हालांकि इस मामले में अबतक एफआई दर्ज नहीं की गई है। इस घटना के बाद राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर भाजपा ने निशाना साधा है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने मामले में बयान देते हुए कहा कि 300 साल पुराना मंदिर अतिक्रमण कैसे हो सकता है।  मामले की जांच के लिए एक जांच दल का गठन किया है। ये टीम तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। बीजेपी के विधायक और प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने बयान दिया है कि हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाना ही कांग्रेस का सेक्युलरिज्म है। राजस्थान के अलवर में विकास के नाम पर 300 साल पुराने शिव मंदिर को तोड़ा गया है। करौली और जहांगीरपुरी पर आंसू बहाना हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाया यही कांग्रेस का सेक्युलरिज्म है। वहीं मामले को लेकर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रेसवार्ता आयोजित कर बीजेपी पर झूठ की राजनीति करने का आरोप लगाया। डोटासरा ने कहा कि राजगढ़ नगरीय निकाय बोर्ड का चेयरमैन बीजेपी का है।  बोर्ड में भाजपा ही प्रस्ताव लेकर आई और सड़कों को चौड़ा करने के नाम पर मंदिरों और घरों को गिराया गया।  उन्हीं के इशारे पर मंदिरों को तोड़ा गया है जबकि हमारा कांग्रेस विधायक इसका विरोध कर रहा था।