शादी विवाह हर किसी के जीवन का अहम फैसला होता हैं और इसे हर धर्म में महत्वपूर्ण बताया गया हैं। कुछ लोगों का विवाह सही उम्र में हो जाता हैं तो वही कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनके विवाह में किसी न किसी तरह की बाधा, अड़चन या फिर समस्या आ रही है जिस कारण विवाह में देरी हो रही हैं।

या मनचाहा जीवनसाथी नहीं मिल रहा हैं तो ऐसे में आप रोजाना भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान करते हुए श्री दामोदराष्टकम् स्तोत्र का सच्चे मन से पाठ करें। मान्यता है कि ऐसा करने से शीघ्र विवाह का आशीर्वाद मिलता है और विवाह में आने वाली हर बाधा दूर हो जाती हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं श्री दामोदराष्टकम् स्तोत्र।

श्री दामोदराष्टकम् स्तोत्र-

नमामीश्वरं सच्चिदानन्दरूपं
लसत्कुण्डलं गोकुले भ्राजमानम् ।
यशोदाभियोलूखलाद्धावमानं
परामृष्टमत्यन्ततो द्रुत्य गोप्या ॥ 1 ॥

रुदन्तं मुहुर्नेत्रयुग्मं मृजन्तं
कराम्भोजयुग्मेन सातङ्कनेत्रम् ।
मुहुः श्वासकम्पत्रिरेखाङ्ककण्ठ-
स्थितग्रैव-दामोदरं भक्तिबद्धम् ॥ 2 ॥

इतीदृक् स्वलीलाभिरानन्दकुण्डे
स्वघोषं निमज्जन्तमाख्यापयन्तम् ।
तदीयेषिताज्ञेषु भक्तैर्जितत्वं
पुनः प्रेमतस्तं शतावृत्ति वन्दे ॥ 3 ॥

 

वरं देव मोक्षं न मोक्षावधिं वा
न चान्यं वृणेऽहं वरेषादपीह ।
इदं ते वपुर्नाथ गोपालबालं
सदा मे मनस्याविरास्तां किमन्यैः ॥ 4 ॥

इदं ते मुखाम्भोजमत्यन्तनीलैर्-
वृतं कुन्तलैः स्निग्ध-रक्तैश्च गोप्या ।
मुहुश्चुम्बितं बिम्बरक्तधरं मे
मनस्याविरास्तां अलं लक्षलाभैः ॥ 5 ॥

नमो देव दामोदरानन्त विष्णो
प्रसीद प्रभो दुःखजालाब्धिमग्नम् ।
कृपादृष्टिवृष्ट्यातिदीनं बतानु
गृहाणेश मां अज्ञमेध्यक्षिदृश्यः ॥ 6 ॥

कुवेरात्मजौ बद्धमूर्त्यैव यद्वत्
त्वया मोचितौ भक्तिभाजौ कृतौ च ।
तथा प्रेमभक्तिं स्वकं मे प्रयच्छ
न मोक्षे ग्रहो मेऽस्ति दामोदरेह ॥ 7 ॥

नमस्तेऽस्तु दाम्ने स्फुरद्दीप्तिधाम्ने
त्वदीयोदरायाथ विश्वस्य धाम्ने ।
नमो राधिकायै त्वदीयप्रियायै
नमोऽनन्तलीलाय देवाय तुभ्यम् ॥ 8 ॥

इति श्रीमद्पद्मपुराणे श्री दामोदराष्टकम् सम्पूर्णम् ॥