गाजियाबाद के साहिबाबाद क्षेत्र से साढ़े चार साल की बच्ची का अपहरण कर सिटी फोरेस्ट में ले जाकर दुष्कर्म के बाद हत्या करने के दोषी सोनू गुप्ता (20) को पॉक्सो कोर्ट ने शनिवार को फांसी की सजा सुनाई। उसे 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। सोनू बच्ची को एक दिसंबर 2022 को उसके घर के बाहर से तब उठा ले गया था, जब वह पूजा के लिए फूल तोड़कर लाई थी

कोर्ट के फैसले के बाद बच्ची की मां अदालत में फूट-फूटकर रोनी लगी। उसने कहा कि बिटिया हमे माफ करना, हम तुम्हारी रक्षा नहीं कर पाए, आज तुम्हारे गुनाहगार को फांसी की सजा मिल गई है, भगवान तुम्हें अपनी गोद में खुश रखे...उन्होंने कहा कि भगवान से प्रार्थना कर रहे थे, उसने सुन ली, बिटिया को इंसाफ मिल गया। जज की ओर हाथ जोड़कर इंसाफ के लिए धन्यवाद देते हुए बोलीं, अब दरिंदे को फांसी पर लटकाने में देरी न की जाए।

सजा सुनाए जाने के दौरान में अदालत में बच्ची के माता-पिता, दादी और दोनों बहनें भी मौजूद थीं। पिता ने कहा, हमने पुलिस से यही दरखास्त की थी कि यह मामला लंबा न खिंचे। बिटिया की मौत से हम बुरी तरह टूट गए थे, अगर केस लंबा खिंच जाता तो बहुत तकलीफ होती। हम हर तारीख पर आए। बिटिया की बहुत याद आती है।

अभियुक्त ने चिकित्सकीय परीक्षण करने के दौरान इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. नितिन प्रियदर्शी को बताया था कि उसे हैवानियत करने में मजा आया था। डॉ. नितिन ने कोर्ट में बयान दर्ज कराया। बच्ची का पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों के पैनल ने किया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि बर्बरता से बच्ची के कई अंग फट गए थे। अकड़न, मस्तिष्क, फेफड़े, गर्दन की हड्डी, गुर्दा, तिल्ली संकुचित हो गई थी।

विशेष लोक अभियोजक संजीव बखरवा ने कहा कि पीड़िता साढ़े चार वर्षीय अविकसित कली की तरह थी। उसका जीवन शुरू हुए कुछ ही वर्ष हुए थे। अभियुक्त ने न केवल उसे विकसित होने से पूर्व ही कुचल दिया, बल्कि मृतका के असहाय होकर रोने पर उसकी विवशता का लाभ उठाया। उसके मुंह में डायपर जैसी गंदी चीज ठूंस कर बर्बरता पूर्वक हत्या कर दी। अभियुक्त का अपराध अत्यंत घृणित प्रकृति का मानवता को शर्मसार करने वाला है। अभियुक्त जैसे भेड़िये समाज में जिंदा रहे तो नारी समाज और मानवता के लिए एक गंभीर संकट उत्पन्न हो जाएगा।