देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की रफ्तार और पड़ी धीमी
नई दिल्ली । भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियां अक्टूबर में आठ माह के निचले स्तर पर रहीं। नए ऑर्डर में नरमी से उत्पादन वृद्धि में कमी आई। बुधवार को जारी मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई। मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) अक्टूबर में गिरकर 55.5 पर आ गया, जो सितंबर में 57.5 था। अक्टूबर में यह आठ माह के निचले स्तर पर रहा। अक्टूबर पीएमआई आंकड़े में हालांकि लगातार 28वें महीने समग्र परिचालन स्थितियों में सुधार के संकेत मिले हैं। पीएमआई की भाषा में सूचकांक का 50 से ऊपर होने का मतलब विस्तार है, जबकि 50 से नीचे होना संकुचन को दर्शाता है।
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र एसोसिएट निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा, ‘‘नया ऑर्डर सूचकांक एक साल के निचले स्तर पर फिसल गया। कुछ कंपनियों ने अपने उत्पादों की मौजूदा मांग को लेकर चिंता जाहिर की है। सर्वेक्षण के अनुसार कुल नए ऑर्डर, उत्पादन, निर्यात, खरीदारी के स्तर तथा खरीद में धीमी ही सही, पर्याप्त बढ़ोतरी हुई। नियुक्ति गतिविधि फीकी पड़ गई और कारोबारी विश्वास पांच महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई।
सर्वेक्षण के अनुसार, अक्टूबर के आंकड़ों ने सितंबर के बाद से वृद्धि में गिरावट का संकेत है। वास्तविक सबूतों से पता चलता है कि कुछ उत्पादों की धीमी मांग और भयंकर प्रतिस्पर्धा ने तेजी को रोक दिया है। नौकरियों की बात करे तब चार प्रतिशत से भी कम कंपनियों ने अतिरिक्त कर्मचारियों को काम पर रखा और 95 प्रतिशत ने कार्यबल संख्या अपरिवर्तित रही।