कई करोड़ की लागत से बने छतरपुर जिला अस्पताल के हाल बेहाल हैं। यहां अस्पताल में सरकार ने सारी सुविधाएं से लैस अस्पताल का निर्माण कराया था। बाबजूद इस अस्पताल की सुविधाओं पर नौकरशाहों द्वारा घोषित प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिससे यहां आने-जाने वाले भर्ती मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानी हो रही है, जिसका ख़ामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है।

इन्हीं परेशानियों के बीच ताजा मामला सामने आया है, जहां जिला अस्पताल की तीसरी मंजिल में भर्ती मरीज को स्ट्रैचर न मिल पाने के कारण परिजन उसे पलंग से गोद में उठाकर लिफ्ट के पास लाए पर लिफ्ट खराब होने के कारण सीढ़ियों के रास्ते उसे लेकर आ रहे थे, तभी गोद में उठाए परिजन मरीज सहित सीढ़ियों से गिर गए, जिससे उसके शरीर में गंभीर चोटें आ गईं। इत्तेफाक से यह नजारा हमारे कैमरे में कैद हो गया।

यह है पूरा मामला

दरअसल, छतरपुर शहर के महोबा रोड RTO आफिस निवासी 28 वर्षीय बीरू आदिवासी को पैरों में दिक्कत थी, जिसके लिए उसे जिला अस्पताल में परिजनों ने भर्ती किया हुआ था, जिसको इलाज के उपरांत डॉक्टर ने हायर मेडिकल सेंटर पर रेफर किया था, जिसके चलते परिजन उसे ग्वालियार मेडिकल ले जा रहे थे। जहां उन्हें स्ट्रैचर नहीं मिला और लिफ्ट भी खराब थी, जिसके चलते वह उसे गोद में उठाकर तीसरी मंजिल से नीचे एम्बुलेंस तक ले जा रहे थे। इसी दौरान सीढ़ियों से उतरते समय यह हादसा हो गया। गोद में उठाये मरीज का भाई शिवा आदिवासी बताता है कि सिस्टर ने स्ट्रैचर और व्हील चेयर नहीं दी, वार्ड बॉय भी नहीं था। सिस्टर बोली, अपने हिसाब से ले जाओ हमारे पास कोई इंतजाम नहीं है तो उसे गोद में लेकर जा रहे थे और गिर पड़े, जिससे मुझे और मेरे बीमार भाई को शरीर में चोटें आ गई हैं। यह जिला अस्पताल और प्रशासहन की लापरवाही है।

बता दें कि 300 बैड का पांच मंजिला जिला अस्पताल करोड़ों की लागत से बना है, जिसमें सभी की सुविधानुसार 4 बड़े गेट, 5 लिफ्ट, 3 सीढियां, 1 फुटरेंप रेम्प बनाया गया है, जो पांचवी मंजिल तक जाता है। पर हालात यह है कि जिले के नौकरशाहों और अधिकारियों ने अपने-अपने हिसाब से इन बुनियादी सुविधाओं पर रोक लगा रखी है। जैसे कि इनकी जरूरत ही न हो।

इन सुविधाओं को कराया बंद

दरअसल, यहां बिल्डिंग के 4 बड़े गेट में से 3 को बंद कराया गया है। 5 लिफ्ट में से 2 से 3 पर्मानेंट बंद करा दिया है, 3 सीढियां में से 2 सीढियां बंद कर आदि हैं, 1 फुटरेंप रेम्प है जो पांचवी मंजिल तक जाता है।