कई अध्ययनों ने प्रदूषण को त्वचा की कई समस्याओं से जोड़ा है जिसमें पित्ती, मुंहासे, एजिंग की समस्या और एक्जिमा जैसी सूजन वाली त्वचा की स्थितियां शामिल है। प्रदूषक त्वचा कोशिका झिल्लियों से गुजरते हैं और शरीर में फैल जाते हैं। एक बार जब वे त्वचा में प्रवेश करते हैं, तो वे स्वाभाविक रूप से एंटीऑक्सिडेंट के स्तर को कम करके ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा करते हैं।

त्वचा को अच्छे से साफ करें

गंदी हवा के संपर्क में आने पर आपकी त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए अपने चेहरे को ठीक से साफ करना महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि साधारण सफाई से आपकी त्वचा साफ नहीं हो सकती है। जरूरी है कि आप डीप क्लींजिंग कर अपनी त्वचा को अच्छी तरह साफ करें।

विटामिन-सी सीरम लगाएं

अपने चेहरे को साफ करने के बाद विटामिन-सी, ई और फेरूलिक एसिड वाला सीरम अपने चेहरे पर जरूर लगाएं। ये ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो आपको फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं।  विटामिन-सी जैसे मजबूत एंटीऑक्सीडेंट तत्वों का नियमित उपयोग, ऑक्सीडेटिव तनाव के संकेतों जैसे काले धब्बे, महीन रेखाएं और ढीली त्वचा को दूर रखने में मदद करेगा (फेस सीरम के फायदे)।

मॉइश्चराइजर लगाना न भूलें

अच्छी तरह से हाइड्रेटेड त्वचा स्वस्थ त्वचा होती है! उचित मॉइश्चराइजेशन आपकी त्वचा की लिपिड बैरियर को मजबूत करने में मदद करता है, जो बदले में हवा में प्रदूषकों जैसे पर्यावरणीय आक्रमणकारियों से बचाता है। ग्लिसरीन या डायमेथिकॉन और हयालूरोनिक एसिड वाले जेल आधारित मॉइश्चराइजर आपकी त्वचा के लिए अच्छे विकल्प हैं।

एसपीएफ जरूर लगाएं

जबकि सनस्क्रीन आपकी त्वचा को प्रदूषण से सीधे नहीं बचा सकता है, वे प्रदूषण के खिलाफ आपकी रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वायु प्रदूषक यूवी किरणों के साथ प्रतिक्रिया कर सकते हैं और विषाक्त पदार्थों में बदल सकते हैं जो आपकी त्वचा के लिए बहुत हानिकारक हैं।

पूरे चेहरे और गर्दन और शरीर के खुले हिस्सों पर सनस्क्रीन की एक मोटी परत लगाएं। ऐसे सनस्क्रीन का विकल्प चुनें जिसमें अधिक भौतिक तत्व हों जैसे जिंक ऑक्साइड और टाइटेनियम डाइऑक्साइड आदि।

अब आप भी अपनी त्वचा को धूल-मिट्टी आदि प्रदूषण से इस तरह बचाएं और ध्यान रखें कि अपने चेहरे को अच्छी तरह से दिन में 2-3 बार जरूर धोएं।