दिल्ली की साकेत कोर्ट ने जामिया में हुए 2019 की हिंसा के केस में शरजील इमाम और आसिफ इकबाल तनहा को बड़ी राहत देते हुए बरी कर दिया है। हालांकि उन्हें अब भी कई अन्य मामलों के चलते जेल में ही रहना होगा। इनके खिलाफ दंगा भड़काने और असंवैधानिक भीड़ जुटाने के लिए आईपीसी की धारा- 143, 147, 148, 186, 353, 332, 333, 308, 427, 435, 323,341, 120बी और 34 के तहत मामला दर्ज है।

हालांकि इमाम अब भी जेल में ही रहेगा क्योंकि उसके खिलाफ पूर्वी दिल्ली में 2020 में हुए दंगों में कई मामलों में केस दर्ज है।

दंगों में दर्ज हुआ था मामला
शरजील इमाम और कई अन्य पर फरवरी 2020 के दंगों के मास्टरमाइंड होने के लिए यूएपीए मामले में आतंकवाद विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। दंगो में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हो गए थे। नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़की थी।  इमाम पर दिसंबर 2019 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में सीएए और एनआरसी पर सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप था।