बॉलीवुड अभिनेत्री रानी मुखर्जी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 'राजा की आएगी बारात से की थी। हालांकि उन्हें पहचान फिल्म 'राजा की आएगी बारात' से मिली थी। इसके बाद उन्होंने आमिर खान के साथ 'गुलाम' में भी अभिनय किया। 'गुलाम' के फिल्म निर्माताओं ने रानी की आवाज के लिए एक डबिंग कलाकार का उपयोग करने का फैसला किया। क्योंकि उन्हें फिल्म के लिए रानी की आवाज परफेक्ट नहीं लग रही थी। हाल ही में रानी ने याद किया कि कैसे आमिर खान को बुरा पुलिसवाला बनाया गया था।

रानी मुखर्जी ने कहा, 'यह बहुत सामान्य-सी लगने वाली आवाज थी। यह मेरी आवाज है और यह अलग है। मगर मुझे लगता है कि उस समय बस इतना था कि आमिर खान पहले से सफल अभिनेता थे, जो एक नए कलाकार पर दाव लगा रहे थे। यही फिल्म के निर्देशक विक्रम भट्ट ने समझाया  कि वे केवल उस बातचीत के साथ जा रहे थे जो एडिटिंग रूम में हुई कि ये लड़की की आवाज थोड़ी अलग है।' 

उन्होंने बताया, 'उस समय अभिनेत्रियों के लिए अपनी आवाज दूसरों से डब कराना आम बात थी। खासकर अगर वे हिंदी में अच्छी नहीं थीं। रानी ने कहा कि आमिर ने उदाहरण के तौर पर श्रीदेवी का हवाला दिया और याद किया कि कैसे उनकी आवाज को कई फिल्मों में डब किया गया था। रानी मुखर्जी ने कहा, खासकर श्रीदेवी जी, कई वर्षों तक उनकी आवाज को डब किया गया और वह मेरी पसंदीदा अभिनेत्रियों में से एक थीं।'

'तो आमिर ने मुझसे कहा था, 'रानी, तुम्हें पता है कि तुम्हारी पसंदीदा अभिनेत्री श्रीदेवी हैं। उनकी आवाज कई फिल्मों में डब की गई थी। कोई फर्क नहीं पड़ता। हमें वही करना होगा जो हमारी फिल्म के लिए अच्छा हो।' रानी ने आगे कहा, उस समय आमिर को बुरा पुलिस वाला बना दिया गया था। मगर मुझे नहीं लगता कि उन्होंने इस पर बहुत अधिक विचार किया है। वे बस इसे फिल्म को लेकर सुरक्षित खेलना चाहते थे।'

आमिर खान और रानी मुखर्जी स्टारर गुलाम उनके करियर की सबसे शानदार फिल्मों में से एक है। विक्रम भट्ट के निर्देशन में बनी यह फिल्म 1998 में रिलीज हुई थी। दर्शकों को इस फिल्म में दो कलाकारों के अभिनय को खूब सराहा गया था।