राजकोट। केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रुपाला के विवादित बयान के विरोध में राजकोट में राजपूत समाज के विभिन्न संगठनों का अस्मिता महासम्मेलन हुआ। इसमें समाज के नेताओं ने भाजपा को 19 अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया है। भाजपा यदि रुपाला को अपना प्रत्याशी बनाए रखती है तो यह आंदोलन गुजरात से बाहर देश के अन्य राज्यों में भी होगा।

राजकोट राम मंदिर के पास रतनपुर सभा मैदान में आयोजित अस्मिता महासम्मेलन में गुजरात के अलावा राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि राज्यों से भी राजपूत नेता व समाज के लोग पहुंचे। समाज ने रुपाला का टिकट रद्द करने की मांग को फिर से दोहराया।

भाजपा को एक नेता प्यारा है या राजपूत समाज

उन्होंने कहा कि महाभारत में भगवान कृष्ण ने पांडवों के लिए पांच गांव मांगे थे लेकिन हम केवल टिकट रद्द करने की मांग कर रहे हैं। अब आगे गेंद भाजपा के पाले में होगी कि उन्हें एक नेता प्यारा है या राजपूत समाज।

आंदोलन गुजरात के बाहर अन्य राज्यों में किया जाएगा

आंदोलन की अगुवाई कर रहे राजपूत समाज संकलन समिति के अध्यक्ष करण सिंह चावड़ा ने कहा कि 16 अप्रैल को नामांकन के बाद 19 अप्रैल नामांकन वापस लेने की तिथि है। इसलिए राजपूत समाज भाजपा को 19 अप्रैल तक का अल्टीमेटम देता है। इसके बाद आंदोलन गुजरात के बाहर अन्य राज्यों में किया जाएगा।

भाजपा की ओर से कोई जवाब नहीं मिला

उन्होंने कहा कि राजपूत समाज ने पिछले कई दिनों से शांति पूर्वक सभा, रैली व ज्ञापन देने का काम किया। लेकिन, अभी तक भाजपा की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि 16 अप्रैल के राजपूत समाज के महासम्मेलन के साथ आंदोलन का भाग-एक पूरा होता है। अब आगे आंदोलन का भाग-दो शुरु होगा।

राष्ट्रीय करणी सेना के अध्यक्ष सम्मेलन में शामिल

सम्मेलन में राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष महीपाल सिंह मकराणा, राष्ट्रीय करणी सेना के अध्यक्ष राज शेखावत भी शामिल हुए। राजस्थान अलवर के पूर्व राजपरिवार की सदस्य दीप्ती राठौड़ ने कहा कि राजपूत समाज की बहन-बेटियों को लेकर टिप्पणी करना अक्षम्य है। राजपूत शेर बनकर इस अपमान का बदला लेंगे।

रुपाला का विवादित बयान

गौरतलब है कि गत 22 मार्च को अनुसूचित जाति के सम्मेलन में रुपाला ने कहा था कि राजपूत समाज ने मुगलों से मैत्री कर ली और उनके साथ रोटी-बेटी का संबंध बना लिया लेकिन अनुसूचित समाज कभी झुका नहीं और संघर्ष किया।