जयपुर । राजस्थान में 16 जनवरी से 20 जनवरी तक सचिन पायलट 5 जिलों में बड़ी जनसभा करने जा रहे है राजस्थान में गहलोत और पायलट के बीच की अदावत जगजाहिर है. राजनैतिक पंडित इन रैलियों को कुर्सी की लड़ाई का केंद्र मान रहे हैं. जब बात कुर्सी की हो तो कांग्रेस बनाम कांग्रेस होना लाजिमी हो जाता है. ऐसा हो भी रहा है. अब गहलोत गुट सक्रिय हो गया है. जिसकी एक नजीर मुख्यमंत्री के सलाहकार बाबूलाल नागर ने डोटासरा के आवास पर पेश भी की।
नागर ने कहा कि सचिन पायलट कांग्रेस के जुझारू नेता है अभी युवा हैं उनको काम करना ही चाहिए दौरा करना गांव में रैली करना प्रदर्शन करना यही तो युवाओं का काम है यह तो अच्छी बात है मुझे खुशी है कि वह राजस्थान में दौरा कर रहे हैं इससे कांग्रेस का अच्छा रुझान बनेगा. इसके आगे नागर ने जो कहा वो गहलोत की काबलियत को साबित करने जैसा रहा। उन्होंने कहा- गहलोत वरिष्ठ नेता है 42-43 साल के राजनीतिक जीवन में इन्होंने बुजुर्ग और युवा नेताओं के साथ काम किया है. चाहें राजस्थान के युवा हों या बुजुर्ग सब ने अशोक गहलोत का लोहा माना है। नागर ने कहा कि पायलट दौरा करें उनका स्वागत है. लेकिन सरकार की बात करें तो वह मुख्यमंत्री की अगुवाई में बात होगी और संगठन की बात करें तो वह गोविंद डोटासरा के नेतृत्व में ही होगा. पायलट के दौरे से कांग्रेस को ताकत मिलेगी लेकिन राजस्थान का 2023 का चुनाव अशोक गहलोत के नेतृत्व में होगा नागर ने कहा- चुनाव में हार जीत तो योग संजोग होता है हां हमने अर्जुन सिंह को चुनाव हारते और फूलन देवी को चुनाव जीतते देखा है अर्जुन सिंह देश के बड़े नेता कहलाते थेतो फूलन देवी बहुत बड़ी डाकू थी लेकिन चुनाव एक मौका होता है इसमें किस का मौका कैसे बैठ जाए या अलग बात होती है। राजस्थान की आम आवाम चाहती है कि 2023 का चुनाव अशोक गहलोत के नेतृत्व में होगा तो ही कांग्रेस का भला होगा बाबूलाल नागर के मुताबिक अशोक गहलोत ने कइयों को रास्ता दिखाया है उन्होंने कहा यह केवल राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल नहीं है बल्कि हिंदुस्तान के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इन्होंने विपरीत आर्थिक परिस्थितियों से लडऩे का जज्बा सिखाया है. उन्होंने सिखाया है कि कैसे इआरसीपी ओल्ड पेंशन स्कीम जैसे कामों को हाथ में ले जनता के हितों में काम करें।