पंजाब कैबिनेट की शुक्रवार सुबह पंजाब सिविल सचिवालय में बैठक हो रही है। बैठक का एजेंडा घोषित नहीं किया गया है, लेकिन जानकारी के अनुसार राज्य सरकार इस बैठक में मुलाजिमों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने संबंधी नोटिफिकेशन पर मुहर लगा सकती है।  

आप सरकार के इस कदम को जहां कर्मचारियों के हित में एक बड़ा निर्णय माना जा रहा हैं, वहीं गुजरात चुनाव में सरकार का यह फैसला सत्तारूढ़ दल के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। सूत्र बताते हैं कि गुजरात में चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार इसमें किसी तरह की देरी नहीं करना चाहती। बहरहाल सरकार को अधिसूचना के साथ ही इसके लिए कॉर्प्स फंड एकत्र करने पर माथापच्ची करनी होगी। हालांकि सरकार ने पिछले महीने ही पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की घोषणा की थी,  लेकिन इस योजना को लागू करने के प्रस्ताव का खाका अब राज्य के वित्त विभाग द्वारा तैयार किया जा रहा है।

सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार ओपीएस की अदायगी के लिए पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण के पास जमा 17,000 करोड़ रुपये के कॉर्प्स फंड का प्रयोग कर सकती है, लेकिन इसे हासिल करना पंजाब सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी। इस कोष में कर्मचारियों के वेतन का 10 प्रतिशत और राज्य सरकार द्वारा पेंशन के लिए बेसिक सैलरी का 14 प्रतिशत हिस्से का योगदान रहता है।

वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि इसके लिए केंद्र से पैसे वापस करने का आग्रह करना होगा, लेकिन यह केंद्र के विवेक पर निर्भर है। इसके बाद ही पुरानी पेंशन योजना लागू हो सकती है।