भ्रष्टाचार की जांच पीएमओ करेगा? 
उज्जैन महालोक के ठेकेदार को बचाने की तैयारी


उज्जैन । महाकाल लोक में प्रतिमाएं गिरने का मामला,प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय ने सभी तथ्यात्मक जानकारी दस्तावेज के साथ तलब की है। प्रधानमंत्री कार्यालय से जानकारी मांगे जाने पर, स्मार्ट सिटी कंपनी रिपोर्ट तैयार कर रही है। सभी दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। 7 माह के अंदर सप्त ऋषि की मूर्तियां खंडित हो जाने के मामले को प्रधानमंत्री ने गंभीरता से लिया है। इसका असर मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में पड़ सकता है। इसको लेकर प्रधानमंत्री काफी गंभीर हो गए हैं।

 
तकनीकी जांच शुरू
 सप्त ऋषि की प्रतिमाएं गिरने की तकनीकी जांच शुरू हो गई है। महाकाल लोक में अन्य प्रतिभाओं का भी टीम परीक्षण कर रही है। थर्ड पार्टी को भी निरीक्षण के लिए बुलाया गया है। 


 ठेकेदार को कोई नुकसान नहीं
महाकाल लोक में मूर्तियां लगाने का जो टेंडर जारी किया गया था। उसमें कोई पर्याप्त जानकारी नहीं दी गई थी। जिसके कारण मूर्ति निर्माण करने वाले ठेकेदार पर कोई कार्यवाही कर पाना संभव नहीं है। नान एसओआर आइटम के तहत 9 से 15 फीट ऊंचाई के स्कल्पचर्स बनाने के प्रस्ताव बुलाए गए थे। इसमें प्रतिमा का आकार और उसकी कीमत का ही उल्लेख करना था। टेंडर फॉर्म में एफआरपी की मोटाई,उपयोग में आने वाले केमिकल,स्ट्रक्चर इत्यादि के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। जिसके कारण ठेकेदार को दोषी ठहरा पाना अधिकारियों के लिए संभव नहीं होगा। टेंडर प्रपत्र में डिजाइन के संबंध में भी कोई जानकारी नहीं दी गई थी। इसका फायदा ठेकेदार को हो रहा है।