ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर एक व्यक्ति की कुंडली में शनि का बहुत बड़ा प्रभाव होता है. शनि को न्याय का देवता भी कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र में शनि के गुण और दोषों के बारे में विस्तार से बताया गया है. शनि ग्रह के बारे में कहा जाता है कि इसकी चाल सबसे धीमी होती है. इसका कारण है कि शनि देव को न्याय और कर्म का फलदाता माना जाता है. शनि न्याय करते हुए आगे बढ़ते हैं जिस कारण से उनकी चाल धीमी होती है. इनका प्रभाव सभी राशि के जातकों पर होता है. शनि देव सभी जातकों को कर्म के अनुसार फल देते हैं. अगर आपके कर्म अच्छे हैं तो अच्छा फल और बुरे हैं तो बुरा फल प्राप्त होगा. न्यूज़18 हिंदी को इस बारे में विस्तार से बताया है दिल्ली निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित आलोक पाण्ड्या ने.

राशि परिवर्तन में लेगे हैं ढाई साल
शनि ग्रह किसी एक राशि से दूसरी राशि में स्थान परिवर्तन में करीब ढाई साल का समय लेते हैं. ज्योतिष की भाषा में इसे ढैय्या लगना कहते हैं. अगर आपके कर्म अच्छे हैं तो आपको अच्छे फल मिलेंगे और अगर कर्म बुरे हैं तो आपको इन ढाई सालों में कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती को शुभ नहीं माना जाता है.

मिलते हैं कई तरह के कष्ट
जब किसी राशि में शनि की साढे़साती या फिर ढैय्या लगती है तो उस राशि के जातक को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. शनि की साढे़साती और ढैय्या के कारण जातक को पारिवारिक संकट, आर्थिक संकट, सामाजिक संकटों का सामना करना पड़ता है. शनि के राशि परिवर्तन करने से कुछ राशियों पर साढ़ेसाती तो कुछ राशियों में ढैय्या शुरू हो जाती है. इस चाल से कुछ राशियों की साढ़ेसाती और ढैय्या खत्म हो जाती है.

किस राशि का कौनसा चरण
शनि ने जनवरी 2024 को मकर से कुंभ राशि में प्रवेश किया था. ऐसे में मीन राशि पर शनि की साढे़साती शुरू हो गई थी, जबकि धनु राशि से साढ़ेसाती खत्म हो गई. मकर, कुंभ और मीन राशि पर साढ़ेसाती लगी हुई है. साढ़ेसाती का दूसरा चरण कुंभ राशि पर, मकर राशि पर अंतिम चरण और मीन राशि पर पहला चरण चल रहा है. वहीं कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या जारी है.


अगले 10 साल तक इन राशियों पर रहेगी साढ़ेसाती
वैदिक ज्योतिष की गणना के अनुसार, मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण जारी है, यह 8 अगस्त 2029 तक रहेगी. कुंभ राशि पर साढे़साती का दूसरा चरण जारी है. इन्हें 3 जून 2027 तक साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी. मकर राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का तीसरा और अंतिम चरण है. 29 मार्च 2025 तक साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी.

आने वाले समय में किस पर रहेगी साढ़ेसाती
मार्च 2025 में शनि राशि परिवर्तन करेंगे. ऐसे में मेष राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी. साल 2027 से वृषभ राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का पहला चरण आरंभ होगा जो 2034 में खत्म होगा. मिथुन राशि पर साढे़साती 8 अगस्त 2029 से शुरू हो और साल 2036 तक रहेगी. कर्क राशि वालों पर साढ़ेसाती 31 मई 2032 से शुरू होगी और 22 अक्टूबर 2038 पर खत्म होगी. आने वाले 10 से 15 वर्षों में कुंभ, मीन, मेष, वृषभ , मिथुन और कर्क राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती रहेगी.