यमुना के कायाकल्प मामले को लेकर एलजी और दिल्ली सरकार में फिर ठन गई है। उपराज्यपाल की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति (एचएलसी) की शुक्रवार को 5वीं बैठक में एलजी ने संतोष जताते हुए कहा कि सभी विभागों और हितधारकों के प्रयासों का फल मिलना शुरू हो गया है।

पिछले एक साल में यमुना में शाहदरा नाले पर बीओडी का स्तर 40 जबकि आईएसबीटी पर 31 फीसदी की कमी का दावा किया गया है। उधर, दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दावा किया है कि यमुना में प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) लगातार जमीनी मुद्दों पर काम कर रहा है। नवंबर 2021 में 6 सूत्रीय कार्रवाई भी पहले ही साझा करने का दावा करते हुए श्रेय लेने की कोशिश का आरोप लगाया है।

उधर, समिति की बैठक में बताया गया कि एलजी की निगरानी में गाद निकालने और नाले की सफाई से यमुना और नजफगढ़ ड्रेन के पानी की गुणवत्ता में लगातार सुधार हुआ है। एलजी ने यमुना के कायाकल्प के लिए किए प्रयासों पर संतोष जताते हुए कहा आपसी तालमेल बनाने की बात दोहराई। निर्धारित लक्ष्यों के साथ समिति ने 8 विशिष्ट कार्य क्षेत्रों के तहत यमुना के कायाकल्प की निगरानी कर रहा है। इसके तहत सीवेज का 100 प्रतिशत ट्रीटमेंट, सभी नालों की ट्रैपिंग, अनधिकृत कॉलोनियों और जेजे क्लस्टर में सीवरेज नेटवर्क का निर्माण, औद्योगिक प्रदूषण प्रबंधन, सेप्टेज प्रबंधन, यमुना बाढ़ क्षेत्र का जीर्णोद्धार, उपचारित अपशिष्ट जल का उपयोग औ नजफगढ़ झील की पर्यावरण प्रबंधन योजना शामिल हैं।

तय वक्त में काम पूरा करें अधिकारी : उपराज्यपाल

उच्च स्तरीय समिति की बैठक में एलजी ने अधिकारियों को आगाह किया कि यमुना कायाकल्प से जुड़े कार्य तयशुदा वक्त के भीतर पूरा किया जाना चाहिए। इसके लिए विभागों के बीच बेहतर समन्वय होना चाहिए। बैठक में बताया गया कि नजफगढ़ नाले की सफाई का काम एलजी की निगरानी में गठित समिति के बाद शुरू कर दिया गया। इससे नाले और यमुना के पानी की गुणवत्ता में सुधार आया है। पिछले एक  साल में नाले और नदी के पानी में बीओडी के स्तर में उल्लेखनीय सुधार देखा गया।

सरकार के कामों का श्रेय लेने की कोशिश : सौरभ

भारद्वाज ने उच्च स्तरीय समिति की बैठक पर निशाना साधते हुए कहा कि यमुना के कायाकल्प के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से किए गए कामों का श्रेय लेने की लगातार कोशिश की जा रही है। हर कोई जानता है कि एलजी के पास दिल्ली जल बोर्ड और आईएफसी की किसी भी परियोजना को मंजूरी देने का कोई वित्तीय अधिकार नहीं है। भारद्वाज ने सवाल उठाया कि क्या एलजी साहब कोई नया काम दिखा सकते हैं जो उन्होंने किया हो या 6 एक्शन पॉइंट से परे हो।