लंदन । ब्रिटेन में इस हफ्ते से प्रभावी नए वीजा कानून के तहत आश्रित परिवार के सदस्यों को ब्रिटेन में लाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। नए वीजा नियमों के मुताबिक देखभाल कर्मी के रूप में काम करने वाले भारतीय और विदेशी अपने परिवार को अब यहां नहीं ला सकेंगे।
गृह मंत्रालय ने इस कानून की पहले ही घोषणा की थी, जो सोमवार से प्रभावी हो गया। पिछले साल के आंकड़ों के मुताबिक, ब्रिटेन में देखभाल (केयर) वीजा पर काम करने वाले एक लाख कर्मचारियों के साथ 1,20,000 आश्रित सदस्य आए थे। यह दावा किया गया है कि इस कदम से ब्रिटेन में आने वाले प्रवासियों की संख्या भारी कमी आएगी और वीजा के दुरुपयोग से भी निपटा जा सकेगा।
देश के गृहमंत्री जेम्स क्लेवरली ने कहा, देखभाल कर्मी जरूरत के समय हमारे प्रियजनों की देखभाल करके हमारे समाज में अहम योगदान देते हैं। लेकिन हम वीजा नियमों के स्पष्ट दुरुपयोग, हमारी आव्रजन प्रणाली में हेराफेरी और प्रवासियों की संख्या में असामान्य वृद्धि से निपटने के लिए हाथ पर हाथ धरे बैठे नहीं रह सकते। इस स्थिति को जारी रहने देना न तो सही है और न ही उचित है।
उन्होंने कहा, हमने ब्रिटेन की जनता से कार्रवाई का वादा किया था। हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक कि हम संख्या को काफी कम करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा नहीं कर देते। ब्रिटेन के श्रमिकों की रक्षा करने के लिए हमारी योजना निष्पक्ष और मजबूत है। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में मूल्यों को जोडऩे और अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए यहां दुनिया की प्रतिभाएं काम कर सकती हैं और पढ़ाई कर सकती हैं।
वीजा नियमों में ये बदलाव लागू हो गए हैं। सरकार गुरुवार को संसद में नए नियमों को रखने की तैयारी कर रही है। अब प्रवासियों के लिए प्रायोजकों के रूप में काम करने वाले देखभाल कर्मियों को देखभाल गुणवत्ता आयोग (सीक्यूसी) में पंजीकरण कराना जरूरी होगा। सरकार का कहना है कि इससे देखभाल क्षेत्र के भीतर कर्मियों के शोषण और उनके साथ होने वाले दुर्व्यवहार पर भी नकेल कसेगी।