भोपाल ।  मध्य प्रदेश सरकार ने बुधवार को विधानसभा में पिछले साल की तुलना में 32471.22 करोड़ रुपये अधिक का बजट पेश किया। यह 11.15 प्रतिशत की वृद्धि है। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने अपने बजट भाषण में इसका उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्रीय करों में हिस्सेदारी बढ़ने के कारण वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य को 10,436 करोड़ रुपये अधिक मिले हैं। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि अगले बजट में केंद्र से राज्य को और अधिक राशि मिलेगी। चुनावी बजट होने के कारण सरकार ने एससी और एसटी, ओबीसी, महिला, युवा, अल्पसंख्यकों को साधने को कोशिश की है। इस कारण इन वर्गों के लिए काम करने वाले विभागों के बजट में वृद्धि की है। जनजातीय कार्य विभाग का बजट लगातार दो साल से बढ़ रहा है। पिछले साल 10,354 करोड़ रुपये बजट दिया गया था, जो इस साल बढ़कर 11,748 करोड़ रुपये हो गया। ऐसे ही सामाजिक न्याय एवं निश्शक्तजन कल्याण विभाग का बजट 3744 करोड़ से बढ़ाकर 3987 करोड़ रुपये कर दिया गया है। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग का बजट 1586 से बढ़ाकर 2162, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का बजट 1098 से बढ़ाकर 1439 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

शिक्षा में भी बढ़ा बजट

सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में भी बजट बढ़ाया है। स्कूल शिक्षा विभाग को पिछले साल 27792 करोड़ रुपये मिले थे, जो बढ़ाकर 31633 करोड़ रुपये कर दिया गया है। उच्च शिक्षा का 3513 करोड़ से बढ़ाकर 3745 करोड़, तकनीकी शिक्षा का 1538 करोड़ से बढ़ाकर 2997 करोड़ रुपये कर दिया गया है। स्वास्थ्य के क्षेत्र की बात करें तो महिला एवं बाल विकास विभाग को इस बार 14686 करोड़ रुपये दिए जाने का प्रविधान किया गया है। यह पिछले साल 5877 करोड़ रुपये था। स्वास्थ्य विभाग के लिए 10380 करोड़ बजट था, जिसे इस बार बढ़ाकर 11988 करोड़ कर दिया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग का बजट भी 2561 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3168 करोड़ रुपये, आयुष का 587 करोड़ से बढ़कर 746 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

अधोसंरचना क्षेत्र में भी बढ़ा बजट

ऊर्जा विभाग का 16506 करोड़ से बढ़ाकर 18301 करोड़ रुपये, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का 8773 से बढ़ाकर 10192 करोड़ रुपये, लोक निर्माण विभाग का 7580 से बढ़ाकर 9408 करोड़ रुपये, जल संसाधन विभाग का 6006 से बढ़ाकर 7182 करोड़ रुपये और नर्मदा घाटी विकास विभाग का 3263 से बढ़ाकर 3867 करोड़ रुपये कर दिया गया है। ऐसे ही नगरीय विकास एवं आवास विभाग का 13113 से बढ़कर 14883 करोड़ रुपये, पंचायत विभाग का 6536 से बढ़कर 6972 करोड़ रुपये कर दिया गया है। हालांकि ग्रामीण विकास विभाग का बजट कम हुआ है। विभाग को पिछले साल 21389 करोड़ रुपये बजट दिया गया था, जो इस बार 17471 करोड़ रुपये रह गया है। कृषि विभाग का बजट 15706 से बढ़कर 16996 करोड़ रुपये, सहकारिता विभाग का 1960 से बढ़कर 2417 करोड़ और पशुपालन विभाग का 1443 से बढ़कर 1492 करोड़ रुपये बजट दिया गया है