पोता-पोती को लेकर दादी कुंए में कूद गई। बच्चे दादी के साथ ही सोते थे। वहीं लोगों का कहना है कि दादी मानसिक रूप से बीमार थी। सुबह महिला का बेटा अपने खेत से लौटा तो उसे मां और बच्चे दिखाई नहीं दिए। जिसके बाद उसने तीनों को आसपास ढूंढ़ना शुरू किया। जब उसने कुंए में झांका तो उसे मां दिखाई दी। उसकी चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग भी जमा हो गए। लोगों ने कुंए में उतरकर देखा तो बुजुर्ग महिला के साथ बच्चों के शव भी नजर आए। जिसके बाद लोगों ने पुलिस को सूचना दी।

गांव वालों ने रस्सी के सहारे शवों को निकालने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए। फिर कुंए में मोटर लगाकर पानी बाहर निकाला गया और शवों को निकाला गया। मृतक महिला के बेटे मंगलाराम भील का कहना है कि उसकी मां मानसिक रूप से बीमार थी।दोनों बच्चे ममता (छह साल) और भाइया (चार साल) उसकी मां के पास सोते थे। पति-पत्नी दूसरे के फार्म हाउस में सोते थे। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि महिला मानसिक रूप से बीमार थी। वही बच्चों को लेकर कुंए में कूद गई।