पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही। अदालत ने बाबा रामदेव और पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण को कोर्ट में मौजूद रहने का निर्देश दिया था। इसलिए योग गुरु रामदेव और आचार्य बालकृष्ण अदालत कक्ष में मौजूद हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में सुनवाई के लिए 23 अप्रैल की तारीख तय की थी। इससे पहले 19 अप्रैल को सुनवाई हुई थी। तब अदालत ने योग गुरु रामदेव, उनके सहयोगी बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद को भ्रामक विज्ञापन मामले में सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने के लिए एक सप्ताह का समय दिया था। सुनवाई के दौरान रामदेव और बालकृष्ण दोनों मौजूद थे और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से शीर्ष अदालत से बिना शर्त माफी मांगी थी।

न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने उनकी माफी का संज्ञान लिया, लेकिन यह स्पष्ट किया था कि इस स्तर पर रियायत देने का फैसला नहीं किया है। पीठ ने बालकृष्ण से कहा था, 'आप अच्छा काम कर रहे हैं लेकिन आप एलोपैथी को नीचा नहीं दिखा सकते।' वहीं, रामदेव ने अदालत से कहा था कि उनका किसी भी तरह से अदालत का अनादर करने का कोई इरादा नहीं था। हालांकि, पीठ ने बालकृष्ण से कहा था कि वे (पतंजलि) इतने निर्दोष नहीं हैं ।