पंजाब में बढ़ रहे गन कल्चर पर आखिर पुलिस सख्त हो गई है। असलहा लाइसेंस धारकों की समीक्षा के साथ ही अब सभी गन हाउस की त्रैमासिक जांच होगी। इस दौरान गन हाउस के स्टॉक से लेकर अन्य सारी चीजों पर पुलिस की नजर रहेगी। डीजीपी गौरव यादव की तरफ से इस संबंध में आदेश दे दिए गए हैं।

इस काम की जिम्मेदारी सारी रेंज के आईजी, डीआईजी, सीपीज व एसएसपी को दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में देश की कुल आबादी के दो फीसदी लोग रहते हैं, जबकि अगर लाइसेंसी हथियारों की बात करे तो यह लगभग दस फीसदी है। चार लाख के करीब हथियार हैं। राज्य में हर हजार व्यक्तियों के पीछे करीब 13 बंदूकों के लाइसेंस हैं।

यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में अंतरराष्ट्रीय व अंतराज्जीय सरहद से गैर कानूनी हथियार भी बड़ी संख्या में पंजाब आ रहे हैं लेकिन गोला बारूद स्थानीय गन हाउस से खरीदे जाते हैं। डीजीपी ने कहा कि राजपत्रित पुलिस अधिकारियों द्वारा गन हाउस की जांच करने की बुनियादी पुलिस प्रथा को लागू करने की तत्काल आवश्यकता है।इसके लिए उन्हें नियमों के तहत अधिकार दिया गया है, ताकि वे स्टॉक पर जांच कर सकें और गोला-बारूद की लूट को रोक सकें। 

सीएम ने उठाए थे ये कदम
इससे पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सूबे में मौजूदा असलहा लाइसेंसों की समीक्षा करने के आदेश दिए थे। इसके अलावा उन्होंने अपने आदेश में कहा था कि यदि किसी समाज विरोधी तत्व को लाइसेंस जारी किया गया है तो उसे तुरंत रद्द किया जाए। आने वाले तीन महीनों में कोई नया लाइसेंस आम तौर पर जारी न किया जाए। साथ ही लाइसेंस उसे जारी किया जाए, जिसे सच में बहुत ज्यादा जरूरी है। सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर भी हथियारों व गोला बारूदों की फोटो आदि अपलोड करने पर रोक लगा दी थी।