घाटकोपर बिलबोर्ड हादसा: विज्ञापन कंपनी के पूर्व निदेशक समेत दो गिरफ्तार
मुंबई। पिछले महीने मुंबई के घाटकोपर में एक पेट्रोल पंप पर एक विशाल विज्ञापन बोर्ड गिरने की घटना के मामले में विशेष जांच टीम ने एगो मीडिया कंपनी की पूर्व निदेशक जान्हवी मराठे को उनके साथी सागर पाटिल के साथ गोवा से गिरफ्तार किया है। पाटिल विज्ञापन बोर्ड की देखरेख का काम करता था. दोनों पिछले कुछ दिनों से गोवा के एक होटल में ठहरे हुए थे. होर्डिंग गिरने के बाद से मराठे लापता थी और उनकी अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई थी. आपको बता दें कि 13 मई को घाटकोपर में एक पेट्रोल पंप पर विज्ञापन बोर्ड गिरने से 17 लोगों की मौत हो गई थी. एक पुलिस अधिकारी के अनुसार पुलिस पिछले कुछ हफ्तों से मराठे और पाटिल की तलाश कर रही थी लेकिन दोनों का मोबाइल फोन बंद था. जान्हवी मराठे नवंबर 2023 तक कंपनी की निदेशक थी। इसके बाद इस मामले में गिरफ्तार आरोपी भावेश भिंडे डायरेक्टर बन गया. पुलिस ने कहा कि भिंडे ने कंपनी मराठे के नाम पर पंजीकृत की थी क्योंकि उसे पहले काली सूची में डाल दिया गया था। लेकिन दोनों के बीच विवाद के चलते दिसंबर 2023 में भिंडे फिर से कंपनी के डायरेक्टर बन गए. उन दोनों आरोपियों ने अपना मोबाइल फोन बंद कर रखा था। इसलिए उन्हें ढूंढना मुश्किल था. उनकी तलाश के लिए दो और टीमें गोवा भेजी गईं. आख़िरकार मराठे और पाटिल को गोवा के एक होटल से गिरफ्तार किया गया और उन्हें विमान से मुंबई लाया गया. सूत्रों ने बताया कि उन्हें अवकाश अदालत में पेश किया गया. इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की कुल संख्या अब चार हो गई है. पहले गिरफ्तार किए गए दो लोगों में एगो मीडिया कंपनी के वर्तमान मालिक भावेश भिंडे और होर्डिंग के लिए सुरक्षा प्रमाणपत्र जारी करने वाले इंजीनियर मनोज संघू शामिल हैं। दोनों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. एगो मीडिया कंपनी को रेलवे पुलिस से दुर्घटना का होर्डिंग लगाने की इजाजत मिली थी, मराठे उस समय कंपनी की निदेशक थी जबकि पाटिल का काम इस निर्माण की निगरानी करना था. वीजेटीआई के विशेषज्ञों ने दुर्घटना बिलबोर्ड का निरीक्षण किया था और विशेष जांच दल को एक रिपोर्ट सौंपी थी। बताया गया कि विज्ञापन बोर्ड का पाया मजबूत नहीं था. घाटकोपर हादसे के संबंध में पंतनगर पुलिस ने आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 338 (गंभीर चोट पहुंचाना), 337 (लापरवाही से चोट पहुंचाना) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत मामला दर्ज किया था। अब इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम कर रही है.