धनबाद। झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और झारखंड अलग राज्य संघर्ष के पुरोधा बिनोद बिहारी महतो की नावाडीह स्थित आदमकद प्रतिमा पर गुरुवार देर रात असामाजिक तत्वों ने काला कपड़ा और जूते-चप्पल की माला डाल दी। शुक्रवार को लोगों ने इसे देखा और बिनोद बिहारी चौक के पास जमकर विरोध प्रदर्शन किया।

गंदे कपड़े से प्रतिमा के चेहरे को ढक दिया गया

प्रदर्शन कर रहे बिनोद बिहारी महतो स्मारक समिति के सदस्यों का कहना था कि देर रात असामाजिक तत्वों ने उनकी आदमकद प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ की। इससे कोयलांचल के साथ-साथ झारखंड के लोगों को गहरी ठेस पहुंची है।

पाॅलीटेक्निक से हीरक रोड होते हुए भूली वासेपुर जाने वाले रास्ते पर बिनोद बिहारी महतो की आदमकद प्रतिमा स्थापित है। इन्हीं के नाम से चौक भी है। प्रतिमा के चेहरे को गंदे कपड़े से ढककर गले में जूते चप्पल की माल डाल दी गई थी।

धनबाद पुलिस कर रही मामले की जांच

घटना की सूचना पाकर लोगों की भीड़ जुट गई। लोगों ने विरोध करते हुए घटना को अंजाम देने वाले अराजकतत्वों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। बिनोद बिहारी महतो एक वकील के साथ साथ राजनीतिज्ञ थे। 1972 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक रहे। 1980, 1985, 1990 में बिहार विधानसभा के तीन बार सदस्य और 1991 में गिरिडीह से लोकसभा के सदस्य थे। मौके पर धनबाद थाने की पुलिस पहुंची। मामले की जांच हाे रही है।

सोशल मीडिया पर घटना की निंदा

बिनोद बिहारी महतो की प्रतिमा से छेड़छाड़ किए जाने पर गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी एवं जेबीकेएसएस के अध्यक्ष जयराम महतो ने एक्स पर इस घटना की निंदा की है। उन्होंने पोस्ट किया है कि झारखंड के पितामह बिनोद बिहारी महतो की आदमकद प्रतिमा के साथ छेड़छाड़। असामाजिक तत्वों ने काला कपड़ा व जूता का माला पहनाया। यह अपमान नहीं सहेंगे, शर्मनाक घटना की कड़ी निंदा करता हूं। झारखंड विरोधी के खिलाफ जिला प्रशासन त्वरित कड़ा एक्शन ले।