हरियाणा के कई हिस्सों में किसानों ने एक बार फिर भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। करनाल में किसान मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। किसानों का कहना है कि इस बार गुलाबी सुंडी ने कपास की फसल को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। पुलिसबल की तैनाती के बीच जिंद, हिसार, फतेहाबाद, भिवानी और करनाल जिलों के किसान इकट्ठा हुए थे। किसानों ने एक मार्च भी निकाला। पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष मनदीप नथवान ने कहा, बारिश और गुलाबी सुंडी की वजह से हजारों एकड़ की कपास की फसल नष्ट हो गई। लेकिन सरकार ने इसके लिए कोई मुआवजा नहीं दिया है। वहीं जब हरियाणा में कांग्रेस सरकार थी तो उसने एक एकड़ पर 17 हजार रुपये के हिसाब से मुआवजा दिया था। 

किसानों का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांग नहीं सुनती है तो वे आंदलोन करेंगे। बता दें कि इससे पहले किसान कृषि कानूनों की वापसी को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर एक साल तक धरने पर बैठे थे। अंत में सरकार ने तीनों कानून वापस ले लिए। बताते चलें कि इस  बार बारिश की वजह से किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। रबी की फसल में इस बार गिरावट के आसार हैं। हरियाणा में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 17 हजार से ज्यादा किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत क्लेम किया है। किसानों का कहना है बिन मौसम बरसात की वजह से गेहूं, सरसों, चना और कपास की फसल को बहुत नुकसान पहुंचा है। बहुत सारे किसानों का कहना है कि उनकी फसलों का बीमा नहीं है इसलिए उन्हें बहुत नुकसान उठाना पड़ेगा।