जयपुर | राजस्थान डिस्कॉम्स के तहत आने वाली तीनों बिजली डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JVVNL), अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (AVVNL) और जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JDVVNL) प्रति यूनिट 45 पैसे की वसूली बिजली उपभोक्ताओं से बिलों में यह अतिरिक्त राशि जोड़कर करेंगे। केवल सरकार की ओर से निर्धारित 50 यूनिट प्रतिमाह फ्री बिजली का उपभोग करने वाले घरेलू उपभोक्ता और कृषि उपभोक्ताओं पर फ्यूल सरचार्ज राशि का प्रभाव नहीं पड़ेगा। बाकी 51 यूनिट प्रतिमाह से लेकर ऊपर तक सभी घरेलू, कॉमर्शियल, इंडस्ट्री बिजली उपभोक्ताओं पर फ्यूल सरचार्ज की आर्थिक मार पड़ेगी।

डिस्कॉम बिजली की आपूर्ति के लिए अलग-अलग सोर्सेस से राजस्थान राज्य विद्युत विनियामक आयोग (RERC) की ओर से तय स्थाई और परिवर्तित होने वाली रेट पर बिजली की खरीद करता है। इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन टैरिफ विनियम-2019 के प्रावधान के अनुसार बिजली खरीद की अपलोड वेरिएबल कॉस्ट और बिजली खरीद की वास्तविक वेरिएबल कॉस्ट का अंतर फ्यूल सरचार्ज के रूप में त्रैमासिक आधार पर बिजली निगमों की ओर से उपभोक्ताओं से वसूल करने का प्रावधान है। बिजली खरीद की वास्तविक परिवर्तित दर ज़्यादा बताते हुए बिजली कंपनियों की ओर से फ्यूल सरचार्ज उपभोक्ताओं पर लगाने के लिए स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन में याचिका लगाकर मंजूरी ली जाती है। उसी के तहत यह निर्णय लिया गया है।

फ्यूल सरचार्ज लगाए जाने और बिजली महंगी होने का मुख्य कारण थर्मल पावर प्लांट चलाने के लिए फ्यूल के तौर पर इस्तेमाल होने वाले कोयले की रेट में बढ़ोतरी, मालभाड़े में वृद्धि और विभिन्न टैक्स में बदलाव है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ से कोयला नहीं मिलने की स्थिति में महानदी कोल माइन्स से कोयला लेना पड़ा। जो तुलनात्मक रूप से मंहगा और लो क्वालिटी का है। भारत सरकार के निर्देश के अनुसार छह प्रतिशत इम्पोर्टेड कोयला उपयोग में लेना है। जो भी अपेक्षाकृत मंहगा है, इन सबकी वजह से आगे की तिमाहियों में फ्यूल सरचार्ज की राशि में और बढोतरी होने की संभावना है, जो कि विद्युत निगम या राज्य सरकार के नियंत्रण में नहीं है।

कृषि उपभोक्ताओं की उपभोग की गई बिजली पर फ्यूल सरचार्ज की राशि को राज्य सरकार अनुदान के रूप में उठाएगी। कृषि उपभोक्ताओं पर फ्यूल सरचार्ज की राशि का कोई प्रभाव नही पड़ेगा और 50 यूनिट प्रतिमाह बिजली का उपभोग करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं के ऊपर आने वाले फ्यूल सरचार्ज के भार को राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। फ्यूल सरचार्ज की गणना माननीय विद्युत विनियामक आयोग (RERC) के निर्देशन में स्वतंत्र ऑडिटर की ओर की जाती है और वेरीफिकेशन के बाद इसे लागू किया जाता है।