रांची। ईडी की जोनल कार्यालय रांची ने गुरुवार को झारखंड के बहुचर्चित मनरेगा घोटाला मामले में दो कार्यकारी अभियंता शशि प्रकाश और जय किशोर चौधरी की 22.47 लाख रुपये मूल्य की चार अचल संपत्तियां अस्थाई रूप से जब्त की है।

इस मामले में जब्ती की यह चौथी कार्रवाई है। इस मामले में ईडी ने अब तक स्थाई व अस्थाई रूप से कुल 106.86 करोड़ की संपत्ति जब्त की है। पूरा मामला झारखंड के खूंटी जिले में 18.06 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले से संबंधित है।

इसमें झारखंड पुलिस में दर्ज 16 प्राथमिकियों के आधार पर ईडी ने ईसीआइआर दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू की थी। इस मामले में झारखंड पुलिस ने जो चार्जशीट दाखिल की थी, उसमें पता चला था कि जूनियर इंजीनियर राम विनोद प्रसाद सिन्हा, सहायक इंजीनियर आरके जैन (अब दिवंगत), कार्यकारी अभियंता शशि प्रकाश व जय किशोर चौधरी भी मनरेगा के 18.06 करोड़ रुपये के गबन में शामिल थे।

पहले भी हो चुकी संपत्ति जब्त

ईडी ने छह मई 2022 को पीएमएलए अधिनियम में दर्ज प्रविधानों के तहत सभी इंजीनियरों से संबंधित परिसरों और खूंटी की तत्कालीन उपायुक्त आइएएस पूजा सिंघल से संबंधित परिसरों की तलाशी ली थी। इस छापेमारी में ईडी को तब 19.58 करोड़ रुपये नकदी मिले थे, जिसे ईडी ने जब्त किया था।

इसके अलावा इस मामले में तीन लोगों राम विनोद प्रसाद सिन्हा, पूजा सिंघल और सीए सुमन कुमार को गिरफ्तार किया गया था। इस केस में राम विनोद प्रसाद सिन्हा, पूजा सिंघल, अभिषेक झा, जय किशोर चौधरी, आर के जैन (मृतक) के खिलाफ तीन चार्जशीट पूर्व में दाखिल की जा चुकी है। शशि प्रकाश व सीए सुमन कुमार के विरुद्ध रांची स्थित पीएमएलए की विशेष अदालत में मुकदमा चल रहा है। इसी बीच यह जब्ती की कार्रवाई हुई है।

गिरफ्तार पूजा सिंघल हैं रिम्स में इलाजरत

मनरेगा घोटाले में मई 2022 में गिरफ्तार तत्कालीन खान एवं भूतत्व विभाग की सचिव पूजा सिंघल गिरफ्तारी के बाद कुछ दिन ही रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में रहीं। वे न्यायिक हिरासत में हैं और उन्हें इलाज के सिलसिले में रिम्स में भर्ती कराया गया था। तब से वह रिम्स में हीं इलाजरत हैं।