नई दिल्ली । दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति में कथित घोटाले को लेकर जांच एजेंसियों ने कार्रवाई शुरू कर दी है। ताजा मामले में ED की टीम ने आज गुरुवार को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रही जांच के सिलसिले में चैरियट प्रोडक्शन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के मालिक राजेश जोशी को गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने गोवा चुनाव के दौरान दिल्ली आबकारी नीति मामले में कमिशन के पैसे लिए थे।इससे पहले बुधवार को ईडी ने शराब घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में शिरोमणि अकाली दल के पूर्व विधायक दीप मल्होत्रा के बेटे और पंजाब के व्यवसायी गौतम मल्होत्रा को गिरफ्तार किया था। इसी मामले में सीबीआइ ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता के पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट बुचिबाबू गोरंटला को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था।

सूत्रों ने बुधवार को बताया था कि शराब निर्माण और वितरण फर्म ओएसिस समूह के निदेशक गौतम को मनी लांड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया है। ED के अधिकारियों ने मामले में पूछताछ के बाद व्यवसायी को गिरफ्तार किया था, जिस पर दिल्ली आबकारी नीति मामले में कार्टेलाइजेशन का आरोप है।उल्लेखनीय है कि बीते अक्टूबर में ईडी ने गौतम और उनके पिता की पंजाब स्थित संपत्तियों पर छापेमारी की थी। दीप मल्होत्रा का छोटा बेटा गौतम अंबाला और इंदौर में ओएसिस समूह की डिस्टिलरी चलाने के अलावा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बाजारों का प्रबंधन करता है। गौतम बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमित अरोड़ा का सहयोगी है, जिसे ईडी ने पिछले साल नवंबर में इसी घोटाले में गिरफ्तार किया था।

मामले में नामित अन्य आरोपितों में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण, उपायुक्त आनंद तिवारी और सहायक आयुक्त पंकज भटनागर शामिल हैं। इसी तरह, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने हैदराबाद के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को भी गिरफ्तार किया, जिसे बीआरएस की एमएलसी के.कविता का आडिटर समझा जाता है।सीबीआइ ने बुधवार को गिरफ्तार चार्टर्ड अकाउंटेंट बुचिबाबू गोरंटला को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था। इस मामले को लेकर कोर्ट ने आरोपित बुचिबाबू को 11 फरवरी तक सीबीआइ की कस्टडी में भेजने का आदेश दिया था। दिल्ली आबकारी नीति मामले में सीबीआइ ने शराब नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भूमिका और हैदराबाद स्थित थोक व खुदरा लाइसेंसधारियों और उनके लाभार्थी मालिकों को गलत लाभ पहुंचाने के आरोप में यह गिरफ्तारी की थी।