पंजाब सरकार ने अपने दिव्यांग मुलाजिमों के लिए दिव्यांगता भत्ता फिर से बहाल कर दिया है। इस फैसले से 11,000 दिव्यांग मुलाजिमों को लाभ होगा। बीते सप्ताह सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉक्टर बलजीत कौर ने इस संबंध में लिए गए फैसले का एलान किया था, जिसे शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय की भी मंजूरी मिल गई। यह फैसला एक जनवरी 2023 से प्रभावी होगा।

गौरतलब है कि राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार ने इस भत्ते पर छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करते हुए रोक लगा दी थी, जिसे लेकर दिव्यांग मुलाजिमों द्वारा बार-बार मांग उठाई जा रही थी।इस बीच, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग ने यह भी फैसला लिया कि अब 40 फीसदी दिव्यांगता वाले सरकारी मुलाजिम अपने गृह क्षेत्र में ट्रांसफर करवा सकेंगे। इससे पहले यह सीमा 60 फीसदी दिव्यांगता की थी। इस फैसले से भी दिव्यांग मुलाजिमों को अपने घरों के निकट ही नौकरी का अवसर मिल सकेगा और उन्हें लंबे सफर की समस्या से भी निजात मिलेगी।

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और बेसहारा बच्चों के लिए कई कदम सरकार उठा रही है। इसी कड़ी में 18 साल या उससे कम उम्र के बच्चों लिए 15 होम चलाए जा रहे हैं। यहां पर 441 बच्चों को आवास, स्वास्थ्य एवं शिक्षा मुफ्त मुहैया करवाई जा रही है। वहीं स्पांसरशिप एवं फोस्टर केयर योजना के तहत 824 बच्चों को आर्थिक सहायता भी दी जा रही है। 

बच्चों को स्पांसरशिप एवं फोस्टर केयर योजना के तहत 2000 रुपये प्रति माह आर्थिक सहायता दी जाती है। ऐसे बच्चे जो अनाथ हैं या जिनकी मां या पिता में से एक ही साथ है और वह गरीब परिवारों से संबंधित हैं, को 2000 रुपये प्रति माह की सहायता सरकार दे रही है।