भोपाल। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान से पहले मध्‍यप्रदेश की इंदौर और खजुराहो सीट पर भी कांग्रेस का पत्‍ता साफ हो गया है। इससे पहले सूरत में भी ऐसा ही हुआ था, जिसके बाद भाजपा प्रत्‍याशी को विजेता घोषित कर दिया गया था।

हालांकि, वोटिंग से पहले कोई प्रत्याशी जीत जाए, इस तरह के मामले बहुत ही कम देखने को मिलते हैं, लेकिन लोकसभा 2024 के चुनाव में दो चरण का ही मतदान हुआ है और तीन सीटें ऐसी हैं, जिन पर भाजपा की जीत का रास्ता साफ माना जा रहा है।

यहां पढ़िए कौन-कौन सी हैं वो लोकसभा सीटें, जिन पर भारतीय जनता पार्टी बिना वोटिंग की चुनाव जीत गई... 

इंदौर: आखिरी दिन प्रत्याशी ने नाम वापस लिया

मध्‍यप्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट पर नाम वापस लेने के आखिरी दिन कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने अपना नाम वापस ले लिया है। इसके बाद अक्षय कांति बम भाजपा में शामिल हो गए।

कांग्रेस को दूसरा झटका तब लगा, जब मोती सिंह पटेल का नामांकन निरस्त हो गया। दरअसल, मोती सिंह पटेल ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किया था। बम के नाम वापस लेने के बाद कांग्रेस मोती सिंह पटेल का समर्थन करने का विचार ही कर रही थी, तभी उनका भी पर्चा खारिज होने की खबर आ गई।

इस तरह भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी के सामने अब इस लोकसभा सीट पर कांग्रेस का कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं है। बता दें कि इंदौर में चौथे चरण में 13 मई को वोटिंग होना है।

सूरत में भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल जीते

लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव सबसे पहले सूरत लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल ने निर्विरोध जीत दर्ज की। दरअसल, इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभानी का फॉर्म रद्द हो गया। इसके बाद बाकी निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी नाम वापस ले लिया।

इस तरह चुनावी मैदान में भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल के अलावा कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं है। बता दें कि सूरत में 7 मई को मतदान होना था, लेकिन मुकेश दलाल उससे पहले ही जीत गए।

खजुराहो: भाजपा प्रत्याशी को वाकओवर

मध्य प्रदेश की खजुराहो लोकसभा सीट कांग्रेस ने गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी को दी थी, लेकिन यहां भी सपा प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया। इस तरह भाजपा को वॉकओवर  मिल गया है। यहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा मैदान में हैं।

हालांकि, INDI गठबंधन ने ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लाक के प्रत्याशी पूर्व आईएएस आरबी प्रजापति को समर्थन दिया, पर यह खानापूर्ति जैसा लग रहा है। बता दें कि खजुराहो में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोटिंग हो गई है।