चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है. इस दौरान देवी मां की कृपा प्राप्त करने के लिए कई उपाय भी किए जाते हैं. इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हो रही है, जिसका समापन 17 अप्रैल को रामनवमी वाले दिन होगा. नवरात्रि में धन, ऐश्वर्य, विद्या और आरोग्य की प्राप्ति के लिए अलग-अलग मंत्र बताए गए हैं. नवरात्रि के 9 दिनों में इन मंत्रों के जाप से आदि शक्ति देवी दुर्गा न सिर्फ प्रसन्न होंगी बल्कि वो आपकी मनचाही मुरादें भी पूरी करेंगी. गौरतलब है कि सनातन धर्म में मंत्रों का अपना विशेष महत्व है और किसी भी देवी-देवता को प्रसन्न करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है. आइए जानते हैं काशी के ज्योतिषाचार्य से इन मंत्रों के बारे में

पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि मंत्रों की साधना से नवरात्रि में सभी सिद्धियों को प्राप्त किया जा सकता है. यह समय शक्ति, समृद्धि और सुख की प्राप्ति के लिए सबसे अहम समय माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस समय में मंत्रों की साधना से देवी को प्रसन्न कर सभी तरह के भौतिक सुख को पाया जा सकता है.

विद्या प्राप्ति के लिए करें इस मंत्र का जाप
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि नवरात्रि में विद्या प्राप्ति के लिए ‘या देवी सर्वभूतेषु विद्या-रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः’ के मंत्र के साथ यज्ञ और हवन करना चाहिए. इससे विद्या की प्राप्ति की मार्ग प्रशस्त होता है.

सुंदर जीवनसाथी के लिए करें इस मंत्र का जाप
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि सुंदर पत्नी की प्राप्ति के लिए नवरात्रि में,’ पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानु सारिणीम्। तारिणींदुर्गसं सारसागरस्य कुलोद्भवाम्॥ मंत्र का जाप करते हुए हवन करना चाहिए. इससे देवी प्रसन्न होती है.

धन प्राप्ति के लिए करें इस मंत्र का जाप
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि धन ,ऐश्वर्य और समृद्धि की प्राप्ति के लिए नवरात्रि के 9 दिनों में दुर्गा सप्तशती का मंत्र ” या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।”‘ का जाप नियमित करना चाहिए .इससे धन की प्राप्ति होती है.

सौभाग्य प्राप्ति के लिए करें इस मंत्र का जाप
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति सौभाग्य चाहता है तो उसे नवरात्रि के 9 दिनों में देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्‌। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥ मंत्र का जाप करना चाहिए. इससे उनके सौभाग्य में वृद्धि होती है.