नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और सह आरोपित विनोद तोमर के खिलाफ कोर्ट में दाखिल किए गए डेढ़ हजार पन्नों के आरोपपत्र में 25 गवाहों के बयान अहम होंगे।

आरोपपत्र में पहलवानों के मजिस्ट्रेट के सामने दिए सीआरपीसी की धारा 164 के बयान को आधार माना गया है। बृजभूषण के खिलाफ करीब सात गवाह मिले हैं।

पहलवानों ने सौंपी फोटोज

आरोपपत्र के अनुसार, बालिग पहलवानों ने जिस जगह पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं, वहां आरोपितों की मौजूदगी के सुबूत मिले हैं। पहलवानों ने पुलिस को जांच के दौरान सुबूत के तौर पर पांच फोटो सौंपी हैं।

इसके अलावा और भी डिजिटल सुबूत दिए, उन्हें पेन ड्राइव में कोर्ट को सौंपा गया है। ट्रायल के दौरान इनका क्रॉस एग्जामिनेशन होगा। इसके अलावा पुलिस ने जांच के दौरान 200 लोगों से पूछताछ की है।

महासंघ से जवाब आने पर दाखिल होगी सप्लीमेंट्री चार्जशीट

पुलिस ने मामले में करीब पांच देशों के कुश्ती महासंघ से उनका जवाब मांगा था, लेकिन अभी तक उनकी तरफ से दिल्ली पुलिस को कोई अधिकारिक जवाब नहीं दिया गया है।

पुलिस उनसे मिलने वाली जानकारी के आधार पर मामले में पूरक आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल करेगी। पुलिस ने कजाकिस्तान, मंगोलिया और इंडोनेशिया के कुश्ती संघों से उन जगहों की सीसीटीवी फुटेज और फोटो देने को कहा है, जहां बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं।

एसआइटी ने रोहतक के एक नामी अखाड़े के पदाधिकारियों के बयान दर्ज किए गए हैं। पीड़ित पहलवान, उनके रिश्तेदार, एक पहलवान की दो बहनें, तत्कालीन कोच, रेफरी, तत्कालीन फिजियोथेरेपिस्ट, आयोजक और कुश्ती महासंघ के कर्मचारियों के बयान आरोपपत्र में शामिल किए हैं।

पुलिस ने आरोपपत्र में भारतीय कुश्ती महासंघ की ओवरसाइट कमेटी की रिपोर्ट को भी शामिल किया है। खेल मंत्रालय द्वारा गठित कमेटी ने अपने स्तर पर पूरे मामले की जांच की थी।

कमेटी का प्रमुख विश्व चैंपियन मुक्केबाज मैरीकाम को बनाया गया था। इसकी रिपोर्ट पर भी पहलवानों ने सवाल उठाए थे। जांच केंद्रीय गृह मंत्रालय की निगरानी में हुई है। दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को रोजाना की प्रगति रिपोर्ट के संबंध में गृह मंत्रालय को अवगत कराना था।

अब आगे कैसे होगी कार्यवाही

  . आरोपपत्र में जांच रिपोर्ट, साक्ष्य और किन धाराओं में केस चलेगा, उस पर कोर्ट में बहस होगी। बृजभूषण के खिलाफ लगा पोक्सो एक्ट का मामला रद हो सकता है।
  .  गृह मंत्रालय पहलवानों और उनके समर्थकों पर दर्ज केस वापसी को लेकर फैसला ले सकता है।
 खेल मंत्रालय द्वारा पहलवानों को दिए आश्वासन के तहत भारतीय कुश्ती संघ की आंतरिक शिकायत समिति बनाकर किसी महिला को इसका अध्यक्ष बनाने की घोषणा कर सकता है।

उपद्रव के मामले में 109 पहलवानों पर दर्ज एफआइआर होगी रद्द

28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान जंतर-मंतर पर उपद्रव करने के मामले में पहलवानों समेत 109 प्रदर्शनकारियों पर दर्ज एफआइआर दिल्ली पुलिस रद करेगी।

दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि एफआइआर एक दो दिन रद कर दी जाएगी। पुलिस ने बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, संगीता फोगाट समेत आयोजकों और जंतर-मंतर से हिरासत में लिए गए सभी 109 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दंगा करने की विभिन्न धाराओं, लोक सेवक के वैधानिक काम में बाधा उत्पन्न करने, लोक सेवक के वैधानिक आदेश की अवहेलना करने, लोक सेवकों के साथ मारपीट करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था।

पहलवानों ने 28 मई को नए संसद भवन की इमारत के उद्घाटन के दौरान संसद के पास महिला महापंचायत का आयोजन करने की घोषणा की थी। पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। इसी को लेकर प्रदर्शनकारियों ने जंतर-मंतर से संसद भवन की ओर कूच किया।

इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हुई। इस मामले में पुलिस ने जंतर-मंतर से 109 महिला व पुरुष पहलवान समेत उनके समर्थकों को हिरासत में लिया। पूरी दिल्ली से करीब 800 समर्थकों को हिरासत में लिया गया। देर शाम पहले सभी को छोड़ दिया गया। सभी को सख्त हिदायत दी गई कि वे दोबारा जंतर-मंतर पर धरना नहीं देंगे।