भोपाल । मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले ब्राह्मण समाज 4 जून को भोपाल में बड़ा आंदोलन करने जा रहा है। जंबूरी मैदान में होने वाले ब्राह्मण महाकुंभ में प्रदेशभर से 5 लाख समाजजनों के जुटने का दावा है। ब्राह्मण आयोग के गठन की प्रमुख मांग हैं। महाकुंभ को लेकर गुरुवार को समाज के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने अपनी रूपरेखा बताई। हालांकि, समाज ने इस महाकुंभ को गैर राजनीतिक बताया है।
ब्राह्मण समाज मध्यप्रदेश के संरक्षक डॉ. जयप्रकाश पालीवाल, अशोक भारद्वाज और उमेश तिवारी ने बताया कि पिछले एक महीने से महाकुंभ की तैयारी की जा रही है, जो अब अंतिम चरण में है। जंबूरी मैदान में सुबह 10 बजे से महाकुंभ की शुरुआत हो जाएगी। द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य श्री स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज के मुख्य आतिथ्य में यह महाकुंभ होगा।
ब्राह्मण समाज मप्र के अध्यक्ष गौरीशंकर शर्मा (काका) एवं मुख्य प्रवक्ता चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि प्रदेश के सभी ब्राह्मण समाज संगठन मिलकर महाकुंभ (हुंकार) का आयोजन करने जा रहे हैं। जिसमें सभी राजनीतिक दलों के ब्राह्मण प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी गुरुवार को निमंत्रण दिया गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, मंत्री गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा आदि को भी आमंत्रित किया है। यह आयोजन न तो बीजेपी के विरोध में है और न ही कांग्रेस के समर्थन में। यह गैर राजनीतिक कार्यक्रम है, जो समाज की एकता का परिचय देगा।
समाजजनों को पीले चावल देकर आमंत्रित किया
समाज के लोगों को पीले चावल देकर आमंत्रित किया गया है। 11 सूत्रीय में से सबसे बड़ी मांग ब्राह्मण आयोग के गठन की है। एट्रोसिटी एक्ट, पुजारियों के मानदेय, जमीन का आवंटन आदि मांगें भी शामिल हैं। डॉ. उमेश तिवारी ने बताया कि पुजारियों को लेकर प्रदेशभर में सर्वे हो। प्रमुख समेत कॉलोनियों में बने मंदिरों के पुजारियों को भी मानदेय दिया जाना चाहिए।
इन मांगों को लेकर महाकुंभ
प्रदेश में ब्राह्मण आयोग का संवैधानिक गठन हो। यह घोषणा तक ही सीमित न रहे। तुरंत गठन किया जाए। इसमें किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को अध्यक्ष न बनाए जाए। सामाजिक काम करने वालों को ही अध्यक्ष बनाया जाए। एट्रोसिटी एक्ट के तहत बिना जांच के प्रथम सूचना रिपोर्ट नहीं लिखी जाए और न ही गिरफ्तारी की जाए। कोर्ट में जमानत के समय फरियादी की उपस्थिति की अनिवार्यता की जाए। इस एक्ट को समाप्त किया जाए। ब्राह्मण वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए जिला और तहसील स्तर पर छात्रावास की व्यवस्था हो। इस भवन का नाम परशुराम भगवान के नाम पर रखा जाए। ओबीसी की तरह 8 लाख रुपए से कम आय वाले निर्धन ब्राह्मणों को आयुष्मान योजना का लाभ मिले। ब्राह्मण वर्ग के 8 लाख रुपए से कम आय वाले परिवार के युवाओं को नि:शुल्क सरकारी आवेदन किए जाने की पात्रता हो। भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर ऐच्छिक अवकाश की जगह शासकीय अवकाश घोषित किया जाए। वर्ष 1980 से आज तक मंदिरों का सर्वे नहीं हुआ है। तुरंत सर्वे कराकर सभी सार्वजनिक मंदिरों के पुजारियों को मानदेय दिया जाए। देश के सभी मंदिरों के जीर्णोंद्धार, गुरुकुल और गोशाला संचालन के लिए शासकीय अनुदान प्रदान किया जाए। सनातन धर्म के कथावाचक, साधु-संतों एवं ब्राह्मण समाज के किसी भी व्यक्ति पर सोशल मीडिया में अशब्द बोलने एवं अपमानिक किए जाने की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध कठोर कार्रवाई हो। क्रांतिकारी पं. चंद्रशेखर आजाद, मंगल पांडे आदि के परिजनों को सम्मान दिया जाए एवं आर्थिक मदद भी की जाए। ब्राह्मण समाज के लिए 5 एकड़ भूमि आवंटित की जाए।