केंद्रीय मंत्री शेखावत के सामने उलझे भाजपाई
जयपुर । अजमेर जिला भाजपा कार्यालय में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के सामने ही अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के दो दावेदारों के समर्थक आपस में उलझ गए इनमें एक पक्ष वासुदेव देवनानी का रहा तो दूसरा पक्ष भाजपा के वरिष्ठ नेता सुभाष काबरा का था इस दौरान भाजपा कार्यालय में करीब 20 मिनट तक शक्ति प्रदर्शन का दौर चला। आखिरकार शहर भाजपा अध्यक्ष रमेश सोनी की मध्यस्थता के बाद मामला शांत हुआ दरअसल, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत अजमेर चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे थे, तभी ये दोनों नेताओं के समर्थन आमने-सामने आए. वर्तमान में अजमेर उत्तर विधानसभा सीट से टिकट को लेकर भाजपा में घमासान मचा हुआ है वहीं, टिकट के दावेदार पार्टी से मांग कर रहे हैं कि देवनानी को अब रिटायर कर किसी युवा को मौका दिया जाए इसी कड़ी में टिकट को लेकर दावेदार सुभाष काबरा अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा कार्यालय पंहुचे. सुभाष काबरा का आरोप है कि देवनानी के दबाव में भाजपा की बैठकों में उन्हें नहीं बुलाया जाता है यही कारण है कि वो अपनी बात केंद्रीय मंत्री तक पहुंचाने के लिए पार्टी कार्यालय आए थे इधर, काबरा के समर्थन में हुई नारेबाजी को देखते हुए देवनानी समर्थक भी नारेबाजी करने लगे. इतने में काबरा और देवनानी समर्थक आमने-सामने आ गए और देखते ही देखते एकदम से माहौल बिगड़ गया। हालांकि, इन दृश्यों को देख केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत कार्यालय के एक कमरे में चले गए, जहां उन्होंने स्थानीय वरिष्ठ भाजपा नेताओं से मुलाकात की. वहीं, इस दौरान कक्ष के बाहर नारेबाजी चलती रही. आखिरकार देवनानी के खास और शहर भाजपा अध्यक्ष रमेश सोनी को मध्यस्थता करनी पड़ी, जिसके बाद मामला शांत हो सका। अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा नेता व टिकट के दावेदार सुभाष काबरा ने कहा कि कार्यकर्ताओं को लगा कि जनसेवक को टिकट नहीं दिया जा रहा है कार्यकर्ता अपने साधनों से भाजपा कार्यकाल पंहुचकर उनके लिए टिकट की मांग की. पार्टी कार्यकर्ताओं का भाजपा कार्यालय घर ही है और घर में अपनी बात कहना गलत नहीं है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि जो भी व्यक्ति दावेदारी करता है, उसे अपेक्षित बैठकों में देवनानी की ओर से नहीं बुलाया जाता है, ताकि वो बैठकों में अपनी बात नहीं रख सके। काबरा ने देवनानी पर तंज कसते हुए कहा कि घर के माता-पिता बुजुर्ग हो जाते हैं तो उनसे काम नहीं करवाया जाता है, बल्कि उनकी सेवा की जाती है. पार्टी को देवनानी को रिटायर कर देना चाहिए, ताकि सभी को उनकी सेवा करने का अवसर मिल सके।