बीजेपी के बी एल भाटी निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे
चुरू । चुरू जिले की सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भी बीजेपी से बगावत करके बी एल भाटी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस करके घोषणा की है। बीजेपी ने जिस संतोष मेघवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है वो पिछले चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ी थी, जिनको करीब 39 हजार वोट मिले थे, बीएल भाटी की नाराजगी इस बात कि है कि संतोष मेघवाल का डीएनए कांग्रेसी है, उसने पिछले चुनावों में भाजपा प्रत्याशी खेमाराम मेघवाल को हराने का काम किया। पिछले चुनाव 2018 में कांग्रेस के दिवगंत नेता मा. भंवर लाल मेघवाल चुनाव जीते थे, जो गहलोत सरकार में आपदा प्रबंधन केबिनेट मंत्री थे करोना काल में अपने मंत्रालय का दायित्व बेखूबी निभा रहे थे, असमय ही अचानक ब्रेन हेमरेज हो जाने से उनका स्वर्गवास हो गया, उनकी जगह उनके अधिवक्ता पुत्र मनोज मेघवाल को उप चुनाव में कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया गया, उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार को हरा कर अपनी पार्टी की सीट बरकरार रखी। अभी वर्तमान हालातों में सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र के पूर्व भाजपा मंत्री सहित सरपंच, पार्षद तथा आरएसएस के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने संतोष मेघवाल को टिकट दिए जाने की खबर मात्र से ही सामूहिक इस्तिफा भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री को सौंप थे। ऐसे में अब संतोष मेघवाल को अधिकृत उम्मीदवार घोषित करने पर बीजेपी में काफी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं , वही बीएल भाटी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। जिससे संतोष मेघवाल की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही है। पिछले चुनाव में संतोष मेघवाल को जाट समाज के अच्छे वोट प्राप्त हुए थे जिसकी वजह भंवर लाल मेघवाल को अपनी ही पार्टी के पूसाराम गोदारा की नाराजगी बताई जा रही थी, हालाकि पिछले चुनाव में पूसाराम गोदारा को पार्टी ने रतनगढ़ से उम्मीदवार नही बनाया था, जबकि वो प्रलब दावेदार थे उनकी जगह सालासर पुजारी भंवरलाल को मैदान में उतारा था, जो रतनगढ़ से हार गए थे। सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र के चुनावी इतिहास में केवल एक ही बार निर्दलीय प्रत्याशी को जीत मिली है, उसका रिकार्ड भी दिवगंत नेता भंवर लाल मेघवाल के नाम है, उस समय मास्टरजी को कांग्रेस ने टिकट नहीं दी थी, उसकी जगह मोतीलाल आर्य जो बूटासिंह के रिश्तेदारी से आते थे उनको दी गई, जो शायद चुनाव में अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे, और भंवर लाल मेघवाल निर्दलीय चुनाव जीते थे। वैसा ही कुछ इस बार बीजेपी पार्टी से बगावत करके बीएल भाटी निर्दलीय चुनाव लड़कर करिश्मा कर सकते हैं, क्योंकि बीजेपी ने प्रबल दावेदार भाटी को नज़र अंदाज़ करके कांग्रेस से आयातित तथा पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को हराने की सूत्रधार संतोष मेघवाल को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। जिनके साथ कार्यकर्ताओं का अभाव है वही आरएसएस की भी पसंद नहीं है। ऐसे में बीएल भाटी को क्षेत्र की जनता का अच्छा खासा समर्थन प्राप्त है, उनका व्यक्तित्व और छवि भी बेदाग है। यदि भाटी मेहनत करें और दृढ़ता से चुनाव मैदान में डटे रहे हैं तो भंवर लाल मेघवाल वाला रिकॉर्ड तोड़ने में कामयाब हो सकते हैं। लेकिन यह वैसा आसान भी नही है क्योंकि उस समय मास्टरजी के साथ पूरी कांग्रेस खड़ी थी, क्या बीएल भाटी के साथ पूरी भाजपा नज़र आयेगी क्या? यदि हां तो कुछ अलग हो सकता है। अन्यथा कांग्रेस के मनोज मेघवाल की जीत में कोई संशय नहीं है, उनकी इस जीत से नव निर्मित सुजानगढ़ जिले को बहुत लाभ मिलना तय है, संभव है आने वाली राजस्थान में कांग्रेस सरकार में मंत्री पद को भी शुसोभित करने का दायित्व निभाए।