जयपुर । राजस्थान में बीजेपी अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजाने जा रही है भारतीय जनता पार्टी ने एक दिसंबर से प्रदेश की हर विधानसभा और जिला मुख्यालयों पर सरकार के खिलाफ जनाक्रोश रैलियों के आगाज का ऐलान किया है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया का दावा है कि जनाक्रोश रैलियों में भाजपा आम जनता की आवाज को मुखर करेगी. सरकार के किये गये वादों पर उसे एक्सपोज करेगी. पार्टी हर घर तक जाकर जनता के दर्द के प्रति हमदर्दी जताएगी आम जनता से बीजेपी के आंदोलन से जुडऩे का आह्वान किया जाएगा।
सतीश पूनिया का दावा है कि सरकार विरोधी रैलियों से बीजेपी के सत्ता में आने का रास्ता साफ होगा वरिष्ठ नेताओं को पार्टी ने जिलों का प्रभारी बनाकर जनाक्रोश रैलियों की तैयारी को अंतिम रूप दे दिया है। राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी को दौसा जिले की जिम्मेदारी दी गई है. किरोड़ीलाल मीणा करौली में गहलोत सरकार के खिलाफ जनाक्रोश रैलियों का नेतृत्व करेंगे. पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी को नागौर जिले की कमान सौंपी गई है. कालीचरण सराफ को टोंक का जिम्मा दिया गया है। इसी तरह से वासुदेव देवनानी गहलोत के गढ़ जोधपुर में जनता की आवाज जनाक्रोश रैलियों के जरिए उठायेंगे. राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत को पाली की जिम्मेदारी दी गई है. पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पाली सांसद पीपी चौधरी बाड़मेर को संभालेंगे. कालूलाल गुर्जर राजसमंद में गरजेंगे. सांसद सीपी जोशी को कोटा में सरकार के खिलाफ आंदोलन की कमान थमाई गई है. विधायक चंद्रकांता मेघवाल को वसुंधरा राजे के गढ़ झालावाड़ की जिम्मेदारी दी गई है. पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी को सवाईमाधोपुर का जिम्मा दिया गया है। बीजेपी नेता ज्ञानदेव आहूजा को धौलपुर और प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर को जयपुर शहर का जिम्मा दिया गया है. सांसद एवं पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ सीकर में सरकार के खिलाफ हुंकार भरेंगे. पूर्व मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर को जयपुर दक्षिण और पूर्व मंत्री सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को चूरू की जिम्मेदारी दी गई है. सरदार अजयपाल सिंह श्रीगंगानगर में पार्टी की रैलियों का नेतृत्व करेंगे. बीकानेर शहर का प्रभारी माधोराम चौधरी को बनाया गया है बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया का दावा है कि जनाक्रोश रैलियां गहलोत सरकार की थोथी घोषणाओं की पोल खोलकर रख देगी. बीजेपी के कार्यकर्ता आम जनता के साथ इस सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार देंगे। उन्होंने सरकार पर वादाखिलाफी के भी गंभीर आरोप लगाए. पूनिया ने कहा कि सरकार ने किया हुआ कोई वादा पूरा नहीं किया. इस सरकार ने सत्ता में रहने का हक खो दिया है. सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाने के लिए बीजेपी इस आंदोलन में कोई कमी नहीं छोड़ेगी। बीजेपी सत्ता हासिल करने के लिए तो कांग्रेस सत्ता बचाये रखने के लिए बेचैन है अगले महीने का पहला सप्ताह दोनों ही पार्टियों के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं है. एक ओर सरदारशहर का उपचुनाव है तो दूसरी तरफ राहुल गांधी की राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा आ रही है. इस बीच बीजेपी की जनाक्रोश रैलियों में उमडऩे वाली भीड़ ही ये तय करेगी कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जनता का मूड क्या है।